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चक्रवात गुलाब के कारण जलस्तर की जांच और नियंत्रण के लिए कई स्थानों पर बैराज खोले गए

  • रुशिकुल्या, नागबली और बंसधारा नदियों में बाढ़

भुवनेश्वर. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने बताया कि चक्रवात गुलाब रविवार की मध्यरात्रि के दौरान पहुंचेगा. इससे रुशिकुल्या, नागबली और बंसधारा नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा करने की संभावना है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा आज समीक्षा के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जेना ने कहा कि अचानक बाढ़ का भी खतरा है, जिसके कारण जल स्तर की जांच और नियंत्रण के लिए कई स्थानों पर बैराज खोले गए हैं. जेना ने कहा कि अस्का, पुरुषोत्तमपुर और रुशिकुल्या बेसिन जैसे क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं. उन्होंने कहा कि कलेक्टरों को ढलानों पर भूस्खलन से सावधान रहने का निर्देश दिया गया है. विशेष रूप से गजपति जिले में जहां अतीत में चक्रवात तितली के दौरान दुर्घटनाएं हुई थीं, वहां विशेष सावधान रहने को कहा गया है. नदियों में बाढ़ वर्षा की तीव्रता पर निर्भर करेगी. जेना ने कहा कि जल संसाधन विभाग दो मुख्य अभियंताओं के साथ हाई अलर्ट पर है, जो ब्रह्मपुर से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.

जल संसाधन विभाग के अधिकारी बालीमेला, कोलाब और इंद्रावती जैसे प्रमुख जलाशयों, मध्यम जलाशयों और लघु सिंचाई परियोजनाओं में जलस्तर की लगातार निगरानी कर रहे हैं. बाढ़ को रोकने के लिए जलस्तर को 90 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी किया जा रहा है. एसआरसी ने आगे कहा कि कलेक्टरों को संवेदनशील क्षेत्रों में बांधों की स्थिति को लेकर भी सतर्क रहने को कहा गया है.

उहोंने कहा कि मैंने शनिवार को कलेक्टरों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी. इसके बाद शाम को मुख्य सचिव द्वारा समीक्षा की गई और आज सुबह मुख्यमंत्री द्वारा उच्च स्तरीय समीक्षा की गई. तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना के जवानों ने भी भाग लिया और राहत और बचाव के समन्वय के लिए अलर्ट पर रहने को कहा गया है.

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