-
राज्य सरकार और भुवनेश्वर नगर निगम पर लगाया उदासीनता का आरोप
-
भाजपा दर्ज करायेगी आपराधिक शिकायत
-
जल्द प्रभावित इलाके में शुरू होगा नाले का काम – पंडा
भुवनेश्वर. राजधानी में नाले में एक छात्र के बहने से विपक्षी दलों ने राज्य सरकार तथा भुवनेश्वर नगर निगम पर निशाना साधते हुए उदाशीनता का आरोप लगाया है. बताया गया है कि भुवनेश्वर में मुख्य और उप नालों सहित लगभग 800 किलोमीटर लंबे नाले हैं. खुले नालों के कारण सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में वृद्धि हुई है. विपक्षी राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया कि ओडिशा सरकार और स्मार्ट के नागरिक प्राधिकरण स्पष्ट रूप से गंभीर मुद्दे के प्रति उदासीन बना हुआ है.
ताजा हादसे से नाराज भाजपा, कांग्रेस और भुवनेश्वर के स्थानीय निवासियों ने रविवार को गंडामुंडा चौक पर भारी विरोध प्रदर्शन किया और दुर्घटना के लिए भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों के लापरवाह और उदासीन रवैये को जिम्मेदार ठहराया. सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर आए, जिससे इलाके में सड़क संपर्क ठप हो गया.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेश राउतराय ने कहा कि बीजद सरकार ने अपने 21 साल के शासन में भुवनेश्वर के विकास के लिए कुछ नहीं किया है. राजधानी के कई इलाकों में नालों को खुला छोड़ दिया गया है, जिससे बरसात के दिनों में लोगों के लिए यह खतरनाक हो जाता है. कई लोग नालों में भरे पानी में बह गए हैं, लेकिन राज्य सरकार लोगों की दुर्दशा से बेखबर है.
भुवनेश्वर भाजपा अध्यक्ष बाबू सिंह ने कहा कि हम नालों को स्लैब से ढकने की पूरी तरह से उपेक्षा के लिए बीएमसी अधिकारियों और संबंधित अधिकारियों और मंत्री के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करायेंगे. उन्होंने कहा कि अगर नालियों को ठीक से ढक दिया जाता तो बेशकीमती जान बच जाती. ओडिशा सरकार भुवनेश्वर के निवासियों के जीवन की रक्षा करने में विफल रही है.
इस बीच, एकाम्र विधायक अशोक पंडा ने आश्वासन दिया कि नाले का काम खासकर उस हिस्से में जहां दुर्घटना हुई है, जल्द ही शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. परिवार ने अपना बच्चा खो दिया है. हम उसका जीवन वापस नहीं दे सकते, लेकिन लेन नंबर 7 पर नाले के लिए बजट को मंजूरी दे दी गई है और जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा.