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एक रात करीब 30 बजे संग्राम बेहरा को एसीएफ सौम्य रंजन महापात्र के घर पर जाते हुए देखने के बाद उसे नौकरी से निकाला गया
परलाखेमुंडी. सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) सौम्य रंजन महापात्र की मौत के मामले में आरोपी चौकीदार ने डीएफओ संग्राम बेहरा पर एक गंभीर आरोप लगाया है. उसने कहा है कि एक रात करीब 12.30 बजे संग्राम बेहरा को एसीएफ सौम्य रंजन महापात्र के घर पर जाते हुए देखने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया. हालांकि अपराध शाखा अभी भी सहायक वन संरक्षक सौम्य रंजन महापात्र की मौत के पीछे के रहस्य को उजागर करने में जुटी है. इसी बीच संभागीय वन कार्यालय का एक पूर्व रात्रि चौकीदार ने डीएफओ संग्राम बेहरा के खिलाफ यह गंभीर आरोप लगाए हैं. बेहरा मामले में एक आरोपी हैं.
गंगा प्रधान नामक पूर्व रात्रि चौकीदार ने दो अन्य कर्मचारियों का भी नाम लिया है, जिन्होंने नौकरी से हटाने के लिए साजिश रची थी. ये कर्मचारी डीएफओ के ड्राइवर प्रफुल्ल और माली अजय हैं. प्रधान ने आरोप लगाया है कि इन दोनों ने चार अन्य को उनकी नौकरी से हटाने की साजिश रची. उन्होंने आगे कहा कि संग्राम का वहां से तबादला होने के बाद ही डीएफओ कार्यालय में सभी स्टाफ सदस्य सच्चाई का खुलासा करेंगे.
क्राइम ब्रांच ने इससे पहले संग्राम से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी, जहां उन्होंने मृतक सौम्य रंजन की पत्नी विद्या भारती पंडा के साथ अपने संबंधों के आरोप से इनकार किया था.
गंभीर रूप से झुलसे एसीएफ सौम्य रंजन को 12 जुलाई को पारलाखेमुंडी में उनके आधिकारिक आवास से गंभीर हालत में बचाया गया था और 13 जुलाई को इलाज के दौरान कटक के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.