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अवनीश पंडा को सेतु सम्मान से नवाजा जाएगा
संबलपुर। प्रत्येक साल की भांति इस साल भी पीएचडी मैदान में पुस्तक मेला का भव्य आयोजन किया जा रहा है। 24 जनवरी 2020 की शाम इस मेला का भव्य उदघाटन किया जाएगा। पीएचडी मैदान में बुलाए गए प्रेस कांफे्रंस में आयोजक संगठन सेतु के पदाधिकारियों ने यह जानकारी दिया। उपस्थित पत्रकारों को उन्होंने बताया कि इस पुस्तक मेला का आयोजन जिला संस्कृति परिषद एवं ओडिशा सरकार के ओडिय़ा भाषा, साहित्य एवं संस्कृति विभाग के सहयोग पर आयोजित किया जा रहा है। प्रत्येक साल की तरह इस साल भी इस मेले में विक्रेता, विभिन्न प्रकाशक संस्था, अध्यात्मिक संस्था, शिक्षण अनुष्ठान, बैंक एवं अन्य संस्था एवं संगठनों की उपस्थिति बनी रहेगी। मेला 24 जनवरी से आरंभ होगा और आगामी 2 फरवरी तक चलेगा। मेला का उदघाटनी समारोह में प्रोफेसर नंदकिशोर पुजारी, आइआइएम निदेशक प्रोफेसर महादेव प्रसाद जायसवाल एवं श्रीकांत चटर्जी बतौर अतिथि शामिल होंगे। इसी प्रकार समापन समारोह में उत्तरांचल राजस्व आयुक्त निरंजन साहू, एडीएम लिंगराज पंडा, महानदी कोलफील्डस लिमिटेड के निदेशक कार्मिक केशव राव एवं जिला ग्रामीण विकास परियोजना के निदेशक सुकांत त्रिपाठी बतौर अतिथि शामिल होंगे। मेला प्रति दिन अपराहन दो बजे से आरंभ होगा और रात नौ बजे तक चलेगा। मेला में बनाए गए मंच पर प्रति शाम विभिन्न विषयों पर आलोचना सभाओं का आयोजन किया जाएगा। जिसके लिए संबलपुर समेत आसपास के इलाकों के नामचीन प्रवक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। आगे उन्होंने बताया कि इस साल का सेतु सम्मान जानेमाने वैज्ञानिक तथा गवेषक डा. अवनीश पंडा को प्रदान किया जाएगा। साथ ही शिक्षाविद बालकृष्ण कर स्मृति सम्मान शिक्षक नित्यानंद बेहेरा एवं कर्मयोगी महिला सम्मान संयुक्ता सतपथी को प्रदान किया जाएगा। मैट्रिक परीक्षा में अव्वल नंबर पर रहनेवाले संबलपुर जिला के छात्रों को स्वाधीनता संग्रामी पंडित घनश्याम पाणिग्राही सम्मान प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुस्तक मेला में 110 स्टाल को स्थान दिया गया है। अंत में उन्होंने शहर के लोगों से इस आयोजन को सफल बनाने का अनुरोध किया। प्रेस कांफे्रंस में सेतु के अध्यक्ष प्रोफेसर केदारनाथ बेहेरा, उपाध्यक्ष डा. मीनकेतन पाठी, सचिव डा. संतोष दास, कोषाध्यक्ष रविनारायण प्रधान, संयुक्त सचिव हरिनारायण पंडा, मेला के संयोजक विद्यार्ण पंडा, पत्रकार सुकांत कर, डा. सिद्धांत पंडा, जयकृष्ण बेहेरा, सुब्रत पटनायक, यशोवंत साहू एवं रामचरण गुरू समेत सेतु के अनेकों सदस्य उपस्थित थे।