नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने जीएसटी क्रियान्वयन में आ रही राजस्व कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 को स्वीकार करने के अपने निर्णय से अवगत कराया है। विकल्प-1 का चयन करने वाले राज्यों की संख्या अब बढ़कर 27 हो गई है। झारखंड के अलावा सभी राज्यों और तीन संघ शासित प्रदेशों की विधानसभाओं ने विकल्प-1 के समर्थन में निर्णय लिया है।
जिन राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने विकल्प-1 का चयन किया है उन्हें जीएसटी क्रियान्वयन में आ रही राजस्व कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार की विशेष उधार खिड़की से यह राशि प्राप्त हो रही है। यह खिड़की 23 अक्टूबर, 2020 से काम शुरू कर चुकी है और केन्द्र सरकार ने इन राज्यों के आधार पर पहले ही पांच किस्तों में 30,000 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और इसे विकल्प-1 का चयन करने वाले राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों को दिया है। विशेष उधार खिड़की के माध्यम से उधार ली गई धनराशि को राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों को 23 अक्टूबर 2020, 2 नवम्बर 2020, 9 नवम्बर 2020, 23 नवम्बर 2020 और 1 दिसम्बर 2020 को जारी कर दिया गया। अब छत्तीसगढ़ अगले चरण में शुरू होने वाली उधार प्रक्रिया के जरिए इस खिड़की के माध्यम से अतिरिक्त धनराशि जुटा सकेगा।
विकल्प-1 की शर्तों के तहत, जीएसटी क्रियान्वयन से उत्पन्न होने वाली राजस्व कमी को पूरा करने के लिए उधार के लिए एक विशेष खिड़की की सुविधा प्राप्त करने के अलावा, राज्यों को कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत की अंतिम किस्त बिना किसी शर्त के उधार लेने की अनुमति है। जो आत्मनिर्भर अभियान के तहत भारत सरकार द्वारा 17 मई, 2020 को दी गई 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी से अलग है। यह विशेष खिड़की के 1.1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर और अधिक है। विकल्प-1 का चयन करने संबंधी निर्णय प्राप्ति के बाद भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार को 1,792 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधार की अनुमति दी है। (छत्तीसगढ़ के जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत)।
अतिरिक्त उधार धनराशि जुटाने के लिए 27 राज्यों को दी गई अनुमति और इस विशेष खिड़की के माध्यम से जुटाई गई धनराशि तथा राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को अब तक जारी की गई धनराशि संलग्न है।