नई दिल्ली. लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) का डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) के साथ विलय हुआ है। डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड की संपूर्ण मालिकी की सहायक कंपनी है। विलय की योजना बैंकिंग विनियमन कानून, 1949 के सेक्शंन 45 के तहत भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के विशेष अधिकारों के तहत बनायीं गयी है और इसे 27 नवंबर 2020 से प्रभाव में लाया गया है।
बैंकों का यह विलय लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं, ग्राहकों और कर्मचारियों को अनिश्चितता की अवधि के बाद स्थिरता और भविष्य की बेहतर संभावनाएं प्रदान करता है। लक्ष्मी विलास बैंक पर लगाए गए मोरेटोरियम को 27 नवंबर 2020 से हटा लिया गया और सभी शाखाओं, डिजिटल चैनलों और एटीएम के कामकाज में सभी बैंकिंग सेवाओं को हमेशा की तरह शुरू कर दिया गया है। लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहक सभी बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करना जारी रख सकते हैं। बचत बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों को अगली सूचना तक लक्ष्मी विलास बैंक द्वारा प्रस्तावित दरों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। लक्ष्मी विलास बैंक के सभी कर्मचारी सेवा में बने रहेंगे, वे सभी अब डीबीआईएल के कर्मचारी हैं और उनकी सेवा के नियम और शर्तें लक्ष्मी विलास बैंक के तहत जो थे वो जारी रखे जाएंगे।
डीबीएस की टीम अपने लक्ष्मी विलास बैंक के सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि आने वाले महीनों में लक्ष्मी विलास बैंक की प्रणाली और नेटवर्क को डीबीएस में एकीकृत किया जा सकें। यह एकीकरण पूरा हो जाने के बाद, ग्राहक डीबीएस की कई जागतिक सम्मानों से प्रशंसित सभी डिजिटल बैंकिंग सेवाओं सहित उत्पादों और सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला का लाभ पाने में सक्षम होंगे।
डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) के पास पर्याप्त पूंजी है और इसके कैपिटल एडेक्वेसी रेश्योज (सीएआर) (पूंजी पर्याप्तता अनुपात) विलय के बाद भी नियामक आवश्यकताओं से ज्यादा रहेंगे। इसके अलावा, डीबीएस समूह विलय के समर्थन में और भविष्य में विकास के लिए 2,500 करोड़ रुपयों (एसजीडी 463 मिलियन) को डीबीआईएल में निवेश करेगा। यह निवेश पूरी तरह से डीबीएस समूह के मौजूदा संसाधनों से लाया जाएगा।
डीबीएस 1994 से भारत में है और मार्च 2019 में इसने अपने भारत के संचालन को पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी (डीबीआईएल) में परिवर्तित कर दिया है। डीबीएस को फोर्ब्स की “विश्व की सर्वश्रेष्ठ बैंकों” की 2020 की सूची में स्थान दिया गया है। 40,000 बैंकिंग ग्राहकों के वैश्विक सर्वेक्षण के आधार पर, भारत की 29 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बैंकों में से डीबीएस को भारत में अव्वल स्थान दिया गया। 2009 से 2020 तक लगातार बारह वर्षों तक ग्लोबल फाइनेंस द्वारा डीबीएस को “एशिया में सबसे सुरक्षित बैंक” का ख़िताब दिया गया है।
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