पुरी. कोरोना के कारण भक्तों को इस साल भगवान जगन्नाथ के नागार्जुन वेश का बहुप्रतीक्षित भव्य दर्शन नहीं हो पायेगा. मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंद लगाने का निर्णय श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने गुरुवार को लिया. 27 नवंबर को होने वाले इस अनुष्ठान के लिए समय को अंतिम रूप दे दिया गया है. भगवान का नागार्जुन वेश आखिरी बार 1994 में आयोजित किया गया था. नीति प्रशासक जितेंद्र साहू ने कहा कि महाप्रभु के नागार्जुन वेश की तैयारियां लगभग अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं और अनुष्ठानों का समय तय हो गया है. इस वर्ष नागार्जुन वेश का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी. परंपरा के अनुसार, देवताओं को स्वर्ण पोशाक के साथ योद्धाओं की तरह तैयार किया जाएगा और नागार्जुन वेश के दौरान तीर, धनुष, हल (हल), चक्र (पहिया) और मुसला (गदा) सहित कई हथियार होंगे. हालांकि कि कोविद-19 स्थिति को देखते हुए भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा. साहू ने कहा कि अब तक ऑनलाइन दर्शन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने बताया कि कार्तिक के पूरे महीने के दौरान विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे कि भक्तों को बिना किसी परेशानी के महाप्रसाद मिले. उन्होंने कहा कि महाप्रसाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सुअआर और महासुसार सेवायत संघों के साथ विचार-विमर्श के बाद एक विस्तृत रणनीति बनाई जाएगी.
Home / National / महाप्रभु श्री जगन्नाथ का नागार्जुन वेश 27 को, मंदिर में भक्तों को नहीं मिलेगा दर्शन
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