नई दिल्ली, राष्ट्रपति भवन की ओर से भेजे गये जी-20 डिनर के निमंत्रण पत्र पर “प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया” के स्थान पर “प्रेसिडेंट ऑफ भारत” लिखा जाना भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए गौरव का प्रसंग है। हम चिरकाल से इंडिया नहीं भारत ही हैं। यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कही।
अतुल कोठारी ने कहा कि इस प्रकार के प्रयोगों से ही भारत की जनता का स्वाभिमान और अधिक मजबूत होगा। विद्यार्थी जीवन से बच्चों में स्व का गौरव जगे, इसके लिए हमारी सभी शिक्षण संस्थाओं में तथा पाठ्यक्रमों में भारत नाम का ही प्रयोग हो, इस पर विचार करना चाहिए। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास कुछ वर्षों से लगातार यह विषय उठाता रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के संविधान में इंडिया दैट इज भारत के स्थान पर केवल ”भारत” का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। अब समय आ गया है इस सकारात्मक प्रयास को संवैधानिक स्तर पर लागू करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास इस विषय को अभियान के रूप में लेकर देशभर में जन-जागरण करेगा।
साथ ही आगामी विश्व कप में भारतीय टीम की वेशभूषा पर भारत लिखने की बात का न्यास समर्थन करता है तथा भारतीय क्रिकेट बोर्ड से आग्रह करता है कि टीम इंडिया के स्थान पर टीम भारत शब्द का प्रयोग करना चाहिए। न्यास ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अभिनंदन पत्र के साथ यह निवेदन किया है कि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, आईआईटी और एम्स आदि सभी संस्थानों के नामों में इंडिया के स्थान पर क्रमशः भारत का प्रयोग प्रारंभ करें।
डॉ. कोठारी ने देश की जनता को आह्वान किया कि हम किसी भी भाषा के लिखने और बोलने में “भारत” शब्द का ही प्रयोग अतिशीघ्रता से प्रारम्भ करें।
साभार -हिस