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स्वामित्व योजना : गुजरात में अब तक 11,000 से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है
गांधीनगर/अहमदाबाद, 14 जुलाई (हि.स.)। गुजरात सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के संपत्ति धारकों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत तैयार होने वाले प्रॉपर्टी कार्ड की प्रथम प्रति निःशुल्क देने का निर्णय किया है। राज्य में डिजिटल टेक्नालॉजी के इस युग में ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति धारकों की संपत्ति को मापने का एक नया दृष्टिकोण अपनाया है।
केन्द्र सरकार के पंचायतीराज विभाग द्वारा इस उदेश्य से स्वामित्व (सर्वे ऑफ़ विलेजेस आबादी एंड मैपिंग विद इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलाजी इन विलेज एरियाज) योजना क्रियान्वित की गई है। इस योजना के अंतर्गत दूसरे चरण में गुजरात को शामिल किया गया है। इसके तहत राज्य के लगभग 14,814 गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। ‘सर्वे ऑफ इंडिया’ द्वारा अब तक 11,000 से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है। आगामी समय में क्रमशः योजनाबद्ध तरीके से राज्य में इस योजना के अंतर्गत शामिल सभी गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड तैयार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत रिकार्ड प्रमोलगेशन के बाद तैयार होने वाले प्रॉपर्टी कार्ड की पहली प्रति ग्रामीण क्षेत्र में अंतिम छोर पर रहने वाले संपत्ति धारक नागरिकों को निःशुल्क वितरित करने का ग्रामीणजनों के हित में ऐतिहासिक निर्णय किया है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वामित्व योजना का बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा तथा उनकी सुख-सुविधा में वृद्धि होगी। इतना ही नहीं, इससे ग्रामीण नागरिकों को अपनी संपत्ति से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से सर्वे कार्य शुरू होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लाखों संपत्ति धारकों को अपने अधिकारों का रिकार्ड मिलेगा।
इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सभी संपत्ति धारकों को पहली बार मालिकाना हक दर्शाने वाला एक कानूनी दस्तावेज प्राप्त होगा। ऐसे संपत्ति धारकों को कानूनी दस्तावेज के दौर पर प्रॉपर्टी कार्ड मिलने से उन्हें अपनी संपत्ति का उपयोग कर ऋण या अन्य वित्तीय लाभ हासिल करने में आसानी होगी। ग्रामीण क्षेत्र के अंतिम छोर पर रहने वाले लोग अपनी संपत्ति का उपयोग कर आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। इससे संपत्ति से संबंधित विवादों में कमी आएगी, साथ ही स्वामित्व योजना का लाभ लेकर संपत्ति के नक्शे प्राप्त होने से ग्रामीण क्षेत्र के विकास को और अधिक गति मिलेगी।
पोस्ट – इण्डो एशियन टाइम्स
सभार – हिस