नई दिल्ली, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने रेलवे संपत्ति के चोरी और उन्हें शरण देने वालों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए जून में देश में एक महीने तक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान आरपीएफ ने चोरी की रेलवे संपत्ति के 90 रिसीवरों को पकड़ा और 5.7 लाख रुपये की चोरी की गई रेलवे संपत्ति की बरामदगी के साथ 80 मामले दर्ज किए।
आरपीएफ के अभियान का उद्देश्य सुरक्षा उपायों को बढ़ाना और देश भर में रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। यह अभियान तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित था। पहला चोरी की गई रेलवे संपत्ति प्राप्त करने वालों और रेलवे संपत्ति की चोरी तथा आपराधिक हेराफेरी में शामिल अपराधियों के ठिकानों के खिलाफ था। आरपीएफ ने चोरी की रेलवे संपत्ति प्राप्त करने में लगे व्यक्तियों और रेलवे संपत्ति की चोरी या आपराधिक हेराफेरी में शामिल अपराधियों को शरण देने वालों पर कड़ी कार्रवाई शुरू की। सामरिक संचालन और खुफिया-संचालित कार्रवाइयों के माध्यम से, आरपीएफ का उद्देश्य रेलवे संपत्तियों की अवैध निकासी और उसके बाद की बिक्री के लिए जिम्मेदार नेटवर्क को खत्म करना और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना था। पूरे देश में एक महीने तक चले अभियान के दौरान, आरपीएफ ने चोरी की गई रेलवे संपत्ति के 90 रिसीवरों को पकड़ा और 5.7 लाख रुपये की चोरी की गई रेलवे संपत्ति की बरामदगी के साथ 80 मामले दर्ज किए।
दूसरा, केंद्रित दृष्टिकोण डिजिटल फुटप्रिंट तथा डेटा प्रोसेसिंग और सीसीटीवी फुटेज का उपयोग करके रेलवे परिसर में रिपोर्ट किए गए यात्रियों के अपराधों को रोकने और पता लगाने पर था। महीने भर चले अभियान के दौरान, आरपीएफ ने 493 मामलों का पता लगाया और यात्रियों के सामान की चोरी, डकैती, महिलाओं के खिलाफ अपराध और रेलवे टिकटों की अवैध बिक्री में शामिल 484 आरोपितों को गिरफ्तार किया।
अभियान के तीसरे आयाम का उद्देश्य केस संपत्तियों का निपटान करना था। एक महीने तक चले अभियान के दौरान, आरपीएफ ने चल रहे मामलों से संबंधित केस संपत्तियों के त्वरित और उचित निपटान को प्राथमिकता दी, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि न्याय प्रभावी ढंग से और शीघ्रता से प्रदान किया गया। एक माह तक चले अभियान के दौरान 426 केस संपत्ति का निस्तारण किया गया।
साभार – हिस
Posted by: Desk, Indo Asian Times