नई दिल्ली, देश में चीता परियोजना की समीक्षा, प्रगति, निगरानी और सलाह के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने चीता परियोजना संचालन समिति का गठन किया है। इस समिति में ग्यारह सदस्य हैं जिसमें ग्लोबल टाइगर फोरम के महासचिव डॉ. राजेश गोपाल को अध्यक्ष बनाया गया है।
इसके साथ पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर. एन. मेहरोत्रा, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून पूर्व निदेशक पी.आर. सिन्हा, डॉ. एच.एस. नेगी, डब्ल्यूआईआई के पूर्व संकाय सदस्य डॉ. पी.के. मलिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान एंव डब्ल्यूआईआई सोसाइटी, देहरादून के पूर्व डीन जी.एस. रावत, मित्तल पटेल सामाजिक कार्यकर्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्य जीव संरक्षक, मध्य प्रदेश, प्रो कमर कुरैशी, वैज्ञानिक, भारतीय वन्यजीव संस्थान, महानिरीक्षक, एनटीसीए, सुभोरंजन सेन, एपीसीसीएफ- वन्यजीव शामिल हैं। इस समिति का कार्यकाल दो साल के लिए होगा और हर महीने इसकी बैठक की जाएगी।
इस समिति में आवश्यकता पड़ने पर परामर्श के लिए चार अंतरराष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। इसमें दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा वन्यजीव विशेषज्ञ प्रो एड्रियन टॉरडिफ, नामीबिया की , सीसीएफ डॉ. लॉरी मार्कर, दक्षिण अफ्रीका के डॉ. एंड्रयू जॉन फ्रेजर, और विन्सेंट वैन डैन मर्व( प्रबंधक, चीता मेटापोपुलेशन प्रोजेक्ट, द मेटापोपुलेशन इनिशिएटिव, दक्षिण अफ्रीका) शामिल हैं।
साभार -हिस