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जोशीमठ आपदा पीड़ितों के लिए केन्द्र से दो हजार करोड़ से अधिक आर्थिक पैकेज की मांग : आर मीनाक्षी सुंदरम

  • केंद्र से धनराशि मिलने के बाद पीड़ितों को दिया जाएगा मुआवजा, तेज होगा पुनर्वास का काम

देहरादून ,जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से दो हजार करोड़ से अधिक के आर्थिक पैकेज का प्रस्ताव भेजा गया है। उत्तराखंड सरकार को उम्मीद है कि उसके भेजे गए प्रस्ताव की धनराशि जल्द ही केंद्र सरकार से मिल जाएगी, जिससे बेघर हुए लोगों का पुनर्वास किया जा सकेगा।
इसकी जानकारी गुरुवार को आपदा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने दी। उन्होंने बताया कि जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मदद में सरकार पहले ही दिन से जुटी हुई है, लेकिन प्रभावितों के पुनर्वास पर सरकार को खर्च करने के लिए अधिक धन की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ आपदा की जांच और रिसर्च में जुटे सभी संस्थानों और एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर पीड़ितों की मदद का ग्राफ तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया कि सभी विभागों की रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड सरकार ने आपदा प्रभावितों की मदद और जरूरतों के अनुसार रिपोर्ट तैयार की है। केंद्र सरकार को आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए 2 हजार करोड़ रुपये अधिक का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार (पीएमओ) को भेजा गया है। राज्य सरकार को जैसे ही केंद्र से मुआवजा पैकेज मिलेगा, प्रभावितों का पुनर्वास कार्य तेजी से शुरू हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत बेघर लोगों को मुआवजा दिया जा रहा है। जोशीमठ में भू धंसाव की जद में आए लोगों को राज्य सरकार अब तक 6 परिवारों को 1.39 करोड़ रुपया उनके पुनर्वास के लिए दे चुकी है। 3 मार्च को 3 परिवारों को 65 लाख और 7 मार्च को तीन अन्य परिवारों को करीब 74 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि जिन परिवारों को मुआवजा दिया जाना है, उनकी संख्या 357 है। इसमें से अभी सिर्फ 6 परिवारों को मुआवजा दिया गया है। जोशीमठ आपदा प्रभावितों को किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े इसके लिए सरकार ने उन्हें पहले सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। साथ ही उनके रहने खाने की व्यवस्था की है। राज्य सरकार इनके लिए 15 प्री फ्रैबीकेटेड हट निर्माण का काम भी शुरू किया गया था लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हो सका है। सरकार इनके विस्थापन के लिए भी सुरक्षित स्थान तलाशने में जुटी है।
साभार -हिस

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