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मप्र विधानसभाः वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, प्रति व्यक्ति आय में 5.7 फीसदी की वृद्धि

  •  मुख्यमंत्री बोले-राज्य की स्थिति हुई मजबूत, विकास दर में हुई 16.34 फीसदी की बढ़ोतरी

भोपाल, मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में दूसरे दिन मंगलवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ने पिछले एक साल में करीब सात प्रतिशत की रफ्तार से वृद्धि की है, जबकि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में 5.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आर्थिक सर्वेक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में जो तथ्य आए हैं, वह सिद्ध करते हैं कि मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। राज्य के बजट का आधार और कर संग्रहण बढ़ता जा रहा है। मप्र की विकास दर में 16.34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को शून्यकाल के बाद वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें मध्य प्रदेश की उजली तस्वीर पेश की गई है। यह दावा किया गया है कि पिछले वर्ष आर्थिक समृद्धि में मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल रहा और इसने जीएसडीपी में 16.43 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की। वहीं, दस वर्षों में यह बढ़ोतरी 319 प्रतिशत हुई है। राज्य सांख्यिकी आयोग भी देश में मध्य प्रदेश में ही गठित हुआ है।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, स्थिर कीमतों पर मध्य प्रदेश में 2022-23 के अग्रिम अनुमान के अनुसार प्रति व्यक्ति आय 5.67 प्रतिशत बढ़कर 65,023 रुपये हो गई है। हालांकि, यह राष्ट्रीय आय 96,522 रुपये प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति से अब भी 32% या 31,499 रुपये कम है। राज्य सरकार का कहना है कि मध्यप्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2011-12 में 38,497 रुपये थी, जो इन वर्षों में 70 प्रतिशत बढ़ी है। देश की अर्थव्यवस्था पांच बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें मध्यप्रदेश ने अपना योगदान 550 बिलियन डॉलर रखने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश इस ओर तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश का जीएसडीपी स्थिर कीमतों पर 7.06 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा है।
सर्वेक्षण में बताया गया है कि प्रदेश सरकार के बजट का आकार भी तेजी से बढ़ रहा है। 2001 में मध्यप्रदेश का बजट महज 16,393 करोड़ रुपये का था, जो 2023 में बढ़कर 2,47,715 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। यह वृद्धि 15 गुना है। प्रदेश का व्यय बजट पिछले वित्त वर्ष में 2,17,313 करोड़ रुपये था, जो बजट अनुमानों में 14 प्रतिशत बढ़कर 2,47,715 करोड़ रुपये किया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2018-19 से 2021-22 के बीच राज्य का राजस्व 7.94 प्रतिवर्ष सीएजीआर से बढ़ा है। यानी हर साल औसतन उसमें करीब आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2022-23 के बजट अनुमानों में राज्य की अपनी राजस्व वृद्धि दर 13.32 प्रतिशत रही, जबकि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी पिछले साल की तुलना में 9.81 प्रतिशत तक बढ़ी है।
इधर सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी से मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि दर्ज हुई है। 2003 में सिंचाई क्षमता सिर्फ 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर थी, जो 2022 में बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। गेहूं के निर्यात में मध्य प्रदेश देश में नम्बर एक बना हुआ है। देश में कुल गेहूं के निर्यात में मध्य प्रदेश की 46 फीसदी भागीदारी है। बीते वर्षों में गेहूं उत्पादन 169 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 600 मीट्रिक टन के पार पहुंच चुका है।
वहीं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में मध्य प्रदेश लगातार समृद्ध हो रहा है। मध्य प्रदेश का हेल्थ बजट 662 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,400 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। पैरा मेडिकल स्टाफ की संख्या में 2003 के मुकाबले अब तक 43,500 से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मध्य प्रदेश पॉवर में सरप्लस स्टेट बन चुका है। मध्य प्रदेश में जहां साल 2003 तक ऊर्जा क्षमता सिर्फ 5,173 मेगावॉट थी जो वर्ष 2022 में बढ़कर 28,000 मेगावॉट हो चुकी है।
सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 2002 में मध्य प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 71594 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 13 लाख 22 हजार करोड़ हो गया है। इसी तरह पर कैपिटा इनकम 2002 में 11718 रुपये थी। 2022-23 में बढ़कर 140500 रुपये पर कैपिटा इनकम हुई है। सरकार पर लगातार कर्ज लेने का आरोप लगाया जाता है, लेकिन आंकड़ों के हिसाब से पहले 39.5 फीसदी कर्ज लिया जाता था। साल 2021 – 2022 में कर्ज प्रतिशत घटकर 22.6 हो गया है। रॉयल्टी सेक्टर में भी विस्तार हुआ है। प्रदेश में किसानों को 13.4 फीसदी और एमएसएमई को 30.22 प्रतिशत ऋण दिया गया है। इसके अलावा 521 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण स्ट्रीट वेंडर्स को दिया जा चुका है।
साभार -हिस

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