-
यूपी विधान सभा में आज का सदन महिला सदस्यों के लिए आरक्षित किया गया
-
नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष ने की महिलाओं के उत्थान की बात
लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान सभा के मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार का सदन महिलाओं के लिए विशेष तौर पर रखा गया है। इस दिन सदन की महिला सदस्य आधी आबादी की समस्याओं और उपलब्धियों के बारे में चर्चा कर रही हैं। महिला सदस्यों के बोलने से पहले नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष ने भी सदन में अपनी बात रख कर महिलाओं के योगदान को याद किया। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सदन में महिला सदस्यों की ओर से आने वाले महिलाओं के लिए सुझाव को गंभीरता से लिया जाएगा। सरकार उस पर विचार करेगी।
नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सब आभारी हैं कि देश का सबसे बड़ा विधानमंडल एक नए इतिहास को बनाने के लिए अग्रसर हो रहा है। आजादी के 75 वर्ष के बाद आधी आबादी अपनी आवाज को इस सदन के माध्यम से प्रदेश की 25 करोड़ जनता तक पहुंचाएगी। साथ ही साथ प्रदेश की समस्याओं और उपलब्धियों को लेकर और अन्य समसामायिक महत्वपूर्ण मुद्दों को इस सदन में रखने का उन्हें अवसर मिलेगा। इसके लिए मैं सभी बहनों का अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा कि यह कार्य पहले होना चाहिए था। आज का पूरा दिन आपने माननीय महिला सदस्यों के लिए आरक्षित किया है। यह सभी अपनी बात रखेंगी लेकिन शुरुआत में एक प्रारंभिक प्रस्तावना रखने के लिए यहां खड़ा हुआ हूं। मुझे महर्षि वेदव्यास की पंक्तियां याद आती हैं। जो उन्होंने नारी शक्ति के लिए कहा है..नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गति:। नास्ति मातृसमं त्राणं. नास्ति मातृसमा प्रिया। यानि मां के समान कोई छाया नहीं, मां के सामान कोई सहारा भी नहीं, मां के सामान कोई रक्षक भी नहीं और मां के सामान कोई प्रिय भी नहीं होता है। मातृ शक्ति के प्रति ये सम्मान हर नागरिक के मन में आ जाए तो मुझे लगता है कि कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसा नहीं कि यह पहली बार हो रहा हो, आजादी के बाद इस दिशा में बहुत अच्छे प्रयास हुए। काफी प्रगति भी हुई। आज उन पर चर्चा भी होगी।
भारत के अंदर बिना भेदभाव के पहले निर्वाचन से पुरुष और महिला को अपना मत देने का अधिकार है। यही नहीं, इंग्लैंड जैसे कई देशों में ये अधिकार भारत के बाद मिला। भले वहां लोकतंत्र पहले से रहा हो। ये भारत की ताकत का एहसास पूरे भारत को कराता है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए संचालित सरकार की योजनाओं का भी जिक्र किया।
हमे मिलकर महिलाओं के मुद्दे पर काम करना होगा: अखिलेश
नेता सदन के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पीठ की तरफ मुखातिब होकर कहा कि जब से आप अध्यक्ष जी आये हैं। बहुत बदलाव आए। आज महिलाओं के लिए सदन रखा गया। नारी शक्ति ने आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। झांसी की रानी, बेगम हजरत महल, कस्तूरबा बाई, अहिल्याबाई होल्कर, अवंती बाई, कैप्टन लक्ष्मी सहगल, झलकारी बाई जैसे कई नाम हैं। हम उन्हें भूल नहीं सकते। देश की पहली महिला मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से सुचेता कृपलानी बनीं। पहली गवर्नर भी उत्तर प्रदेश ने ही दिया। सरोजनी नायडू हम सबको याद हैं।
आज इस विधानसभा में 47 महिला विधायक हैं। आगे हमारा प्रयास हो कि ज्यादा से ज्यादा मौका महिलाओं को दिया जाए। इस अवसर पर हमें डॉक्टर लोहिया को याद करना है। वह नर-नारी की समानता की बात करते थे। आज महिलाओं के बारे में चर्चा करें तो बहुत समय बीत जाएगा। इसके साथ ही अखिलेश यादव महिलाओं के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए भी दिखे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ जो हो रहा है, वह सभ्य समाज का हिस्सा नहीं हो सकता। आज सरकार का विरोध नहीं कर रहा हूं। कुछ ऐसी जगहें हैं जहां के नाम ले लें, तो घटना याद आ जाती है। हाथरस जैसी घटना सवाल है। ऐसा नहीं है कि मैं सरकार पर सवाल उठा रहा हूं। हमारी भी सरकार में बहुत सी घटनाएं हुई हैं। हमको इसके बारे में मिलकर सोचना होगा।
महिलाओं से जुड़े अपराध का मुद्दा भी उठा
इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान कुछ प्रश्न लिए गए। शून्य प्रहर में नियम 56 के तहत विपक्ष की सदस्य सपा विधायक डॉ. रागिनी ने महिलाओं के साथ अपराधों के मुद्दे को उठाया। उन्होंने लखनऊ, गोरखपुर, रामपुर समेत कुछ अन्य जिलों की घटनाओं का जिक्र भी किया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में हमने कानून व्यवस्था को बेहतर किया है। महिला अपराधों में कमी लाने का काम किया है। अपराधियों पर तो हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है लेकिन ऐसे अपराधों में कार्रवाई करने में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा जाएगी। पहले से ही कार्रवाई हमारी सरकार करती आई है। इसके बाद यह सूचना अग्राह्य कर दी गयी।
सरकार ने कहा कि 6.99 लाख लोगों को दी गयी सरकारी नौकरी
मेह नगर की सपा विधायक पूजा ने सवाल बेरोजगारी मुद्दे को उठाया। अदम गोंडवी की कविता पढ़ कर सरकार के दावों पर भी सवाल उठाए। उनके प्रश्न का उत्तर देने के लिए खड़े हुए कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि हमारी सरकार में छह लाख 99 हजार 821 सरकारी नौकरी दी गयी। इस बार 100 दिन के अंदर 10 हजार नौकरी दी गयी है। इस पर महबूब अली ने कहा कि क्या आउटसोर्सिंग की नौकरियों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है ? इस पर राजभर ने स्पष्ट करते हुए कहा कि वह तो अलग है। 100 दिन में 25 हजार लोगों को निजी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है। इन्हीं 100 दिनों में 50 हजार लोगों को रोजगार से जोड़ा गया। हालांकि विधान सभा अध्यक्ष ने इस सूचना को अग्राह्य कर दिया।
अनुपमा जायसवाल ने की शुरुआत
इसके बाद महिलाओं के लिए विशेष चर्चा शुरू हुई। इसकी शुरुआत भाजपा की वरिष्ठ सदस्य व पूर्व मंत्री अनुपमा जायसवाल ने की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए सदन आरक्षित किया गया है। यह देश और प्रदेश के इतिहास में पहला मौका है। उल्लेखनीय है कि सदन में मुख्यमंत्री योगी ने पीठ से आह्वान किया कि आज महिलाओं को बोलने का पूरा अवसर दिया जाए। उनके लिए कई जरूरत के हिसाब से नियमों को शिथिल करते हुए समय सीमा के बंधन से भी मुक्त रखा जाए।
साभार-हिस