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नेहरू ने तुष्टीकरण के तहत आक्रांताओं की निशानी को भारत से नही मिटाया : गिरिराज सिंह

कटिहार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राज्य कार्यसमिति के आखिरी दिन बुधवार को कटिहार में अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी दलों की तुष्टीकरण की नीतियों पर जमकर प्रहार किया।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आजादी के बाद देश का बटवारा धर्म के आधार पर हुआ था। कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति की वजह से मुगल आक्रांताओं, लुटेरे औरंगजेब और अकबर, शेरशाह हो या बाबर इनकी निशानी को भारत से नही मिटाया।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा कि कांग्रेस के नेहरू ने तुष्टीकरण की राजनीति के तहत हिन्दू-मुसलमान में खाई बांटने के लिए आक्रांताओं के सारे चिन्ह को रहने दिया।ज्ञानवापी औरंगजेब की क्रूरता का जीता जागता नमूना है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर आजादी के बाद अगर देश के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति रहते तो आज औरंगजेब व मुगल आक्रांताओं की निशानी देश में नही होती।
गिरिराज सिंह ने कहा कि आखिर मुस्लिम समाज ज्ञानवापी का वीडियो सार्वजनिक करने के विरोध में क्यों खड़ी है। बार-बार 1991 के कानून की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी 1991 के कानून के तहत नही आता है। क्योंकि उस कानून में प्राचीन शब्द का उल्लेख है।
मुसलमानों की जातियों की भी हो जनगणना
जातीय जनगणना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि आज की तारीख में धर्म परिवर्तन का एक सख्त कानून होना चाहिए। आज बिहार सरकार जो जातीय जनगणना की बात कही जा रही है, मैं उसके साथ खड़ा हूं। परंतु जातीय जनगणना में मुसलमानों को भी जात की श्रेणी में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में अल्पसंख्यक की परिभाषा पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। जब मदनी खुद कह रहे हैं कि मुसलमान अब अल्पसंख्यक नहीं है। इसलिए अल्पसंख्यक शब्द को हटा देनी चाहिए।
साभार-हिस

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