रविवार को रुद्रनाथ मंदिर में सुबह साढे़ चार बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं शुरू हुईं। यहां सुबह मंदिर के मुख्य पुजारी धर्मेन्द्र तिवारी ने भगवान रुद्रनाथ को स्नान कराया, जिसके बाद यहां महाअभिषेक, रुद्राभिषेक पूजाएं संपन्न कराई गईं। इसके बाद मुख्य पुजारी ने यहां करीब साढे़ छह बजे भगवान रुद्रनाथ के विग्रह काे हिमालयी पुष्पों, जड़ी बूटियों व वनस्पतियों से मंत्रोच्चार के साथ ढका। तदुपरांत विधि विधान से मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
मंदिर के कपाट बंद होने के पश्चात उत्सव डोली अपने भक्तों के साथ 22 किमी की पैदल दूरी तय कर देर शाम गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंची। यहां पर भक्तों ने उत्सव डोली का भव्य स्वागत किया। इसके बाद यहां गोपीनाथ मंदिर प्रांगण में भगवान रुद्रनाथ को गोपेश्वर गांव की महिलाओं द्वारा लाई गई भेंट के साथ अर्घ्य दिया गया। पूजा-अर्चना के बाद भगवान रुद्रनाथ अपने शीतकलानी गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो गये हैं।
साभार-हिस
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