अमरावती, गुलाब तूफान के कारण श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में भारी वर्षा होने से जिले के वमसाधारा तथा महिंद्रातनया नदी के उफान पर रहने की आशंका जतायी गयी है। इस बीच विजयनगरम जिले की नागावाली नदी भी उफान पर बह रही है। विशाखापट्टनम स्थित मौसम केंद्र के अनुसार पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में मंगलवार को एक और हवा का कम दबाव बनने की संभावना है। इसके चलते यह चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होकर उत्तरी आंध्र के जिलों से होकर गुजरेगी।
गुलाब तूफान के प्रभाव से रविवार से ही लगातार भारी वर्षा के कारण निचले क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। कई क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई। राज्य सरकार की ओर से पुनर्वास के कार्य किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के दल गिरे हुए पेड़ और बिजली के खंभों को हटाने में लगे हैं। अमरावती से सेंट्रल कंट्रोल रूम के एक उच्च अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं।़
उत्तरी आंध्र में भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना है। समुद्र में ऊंचाई पर लहरें उठ रही हैं। अधिकारी बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि मछुआरे समुद्र में न जाएं। आपदा प्रबंधन के आयुक्त के कन्नाबाबू ने मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है।
तोटपल्ली परियोजना के पास जलस्तर बढ़ने से अधिकारी सतर्क हैं। वामसाधारा नदी का जलस्तर बढ़ जाने से पानी नीचे छोड़ा जा रहा है। विशाखापट्टनम के सारे जलाशय का जल स्तर अपने उच्चतम स्थिति में है। विशाखापट्टनम ग्रामीण में कई स्थानों पर निचले क्षेत्र जलमग्न हो रहे हैं। पूर्व गोदावरी जिले के राजामुंड्री शहर में भी निचले क्षेत्र में बाढ़ का पानी भर जाने से लोगों को आवाजाही में समस्या हुई। वहां भी सभी निचले क्षेत्र जलमग्न हैं।
आपदा प्रबंधन के आयुक्त कन्नाबाबू ने अमरावती से मीडिया से कहा कि हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। तूफान प्रभावित क्षेत्रों में सहायता के लिए 275 निजी क्रेन, 64 जनरेटर तैयार रखे गए हैं। इसके अलावा बिजली के 26 हजार खंभे तथा 270 ट्रांसफार्मर भी तैयार रखे गए हैं। तूफान की स्थिति का समय पर जायजा लेने के लिए राज्य स्तर पर चौबीसों घंटे काम करने वाले स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की स्थापना भी की गई है।
कन्नाबाबू मैं मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार सहायता शिविरों में पीड़ितों को गुणवत्तापूर्ण भोजन, ़शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पीड़ितों के साथ उदारता पूर्वक व्यवहार करने के आदेश दिए गए हैं।
साभार-हिस