भुवनेश्वर. बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब एक गहरे दबाव में बदल गया है और यह तेज होकर चक्रवाती तूफान में बदलने के साथ 26 सितंबर की शाम को ओडिशा-आंध्रप्रदेश के बीच कलिंगपट्टनम लैंडफाल करेगा. इस चक्रवात का नाम गुलाब रखा गया है. ओडिशा में सात जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने शनिवार को कहा कि अगर यह तेज होता है तो इसे चक्रवात गुलाब कहा जाएगा. पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवाती तूफान के ओडिशा के दक्षिण और पड़ोसी आंध्र प्रदेश को 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रविवार शाम (26 सितंबर) को पार करने की संभावना है. इसके झोंके 90-95 किमी प्रति घंटे की रफ्तार होने की संभावना है. इसके 26 सितंबर की शाम तक पश्चिम की ओर बढ़ने के साथ कलिंगपट्टनम के आसपास विशाखापट्टनम और गोपालपुर के बीच तट को पार करने की संभावना है. इधर, विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी), पीके जेना ने कहा कि ओडिशा सरकार ने पहले ही सात जिलों गंजाम, गजपति, कोरापुट, रायगड़ा, नवरंगपुर, कंधमाल और मालकानगिरि के कलेक्टरों को संभावित चक्रवात के मद्देनजर हाई अलर्ट पर रखा है. इन जिलों में संभावित चक्रवात से भारी वर्षा होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि चक्रवात के दौरान सात जिलों के अधिक प्रभावित होने की संभावना है. इन क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ अचानक बाढ़ और लैंडफाल के आईएमडी के पूर्वानुमान के कारण पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर पहले से ही समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि हवा की गति लगभग 70-80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की होगी तथा झोंके 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है. 2018 में चक्रवात तितली के दौरान गजपति और रायगड़ा जिलों के कई हिस्सों में हुए लैंडफाल की पिछली घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां की जा रही हैं.
लैंडफाल के दौरान भारी बारिश की आशंका को देखते हुए ओडिशा सरकार भी बाढ़ और जलभराव से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी कर रही है.
विशेष राहत आयुक्त ने आगे बताया कि ओडिशा के सात जिलों में लगभग 42 ओड्राफ और 24 एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया जाएगा. इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में दमकल विभाग की 102 टीमें भी तैनात की जाएंगी.
जेना ने कहा कि इन सात जिलों के अलावा, संभावित प्रभावित होने वाले अन्य जिलों के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हमने राज्य के तटीय जिलों में भारी बारिश की स्थिति के मामले में अन्य रिजर्व टीमों के अलावा एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ की 4 टीमों को नयागढ़ में रखने का फैसला किया है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कई जलाशयों और अन्य सिंचाई सुविधाओं के जल स्तर की निगरानी पर भी अतिरिक्त ध्यान दिया जा रहा है.