नई दिल्ली, विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सहमति व्यक्त की है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बकाया मुद्दों का समाधान करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों और राजनयिकों की शीघ्र बैठक होनी चाहिए।
जयशंकर ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में चीन के विदेश मंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। विदेश मंत्री जयशंकर ने गत 14 जुलाई को हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि उसके बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मुद्दों को सुलझाने की दिशा में कुछ प्रगति हुई है। गोगरा क्षेत्र में सैनिकों को पीछे हटाने का काम पूरा हो गया है। अभी भी बहुत से मुद्दे हैं जिनका समाधान होना है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन को दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश करते हुए एशिया की एकजुटता का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने चीन को सलाह दी कि वह भारत को किसी तीसरे देश के चश्मे से न देखे। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को गुण-दोष के आधार पर और आपसी सम्मान की भावना से आगे बढ़ाना चाहिए। संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं आंका जाना चाहिए।
जयशंकर ने पिछली बैठक में वांग यी के इस कथन का हवाला दिया कि द्विपक्षीय संबंध निचले स्तर पर हैं। वार्ता में दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति बनाए रखना किसी के हित में नहीं है। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ता है। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर बकाया मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय समझौतों और सहमति के अनुरूप किया जाना चाहिए।
साभार-हिस