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सेन्ट्रल वक्फ काउंसिल के सदस्य रईस खान पठान ने इम्पार के चेयरमैन डॉ. एमजे खान से मुलाकात कर वक्फ सम्पत्तियों के उचित रख रखाव पर चर्चा की
नई दिल्ली, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय वक्फ परिषद (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य रईस खान पठान ने आज नई दिल्ली में इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स (इम्पार) के अध्यक्ष डॉ. एमजे खान से मुलाकात की है। इस मौके पर दोनों ने समाज और वक्फ के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की है।
रईस खान पठान ने बातचीत में डा. खान से कहा कि वक्फ की समस्या बहुत गंभीर है। अगर पिछली सरकारों ने वक्फ संपत्तियों के मुद्दे को गंभीरता से लिया होता तो समस्याएं इतनी जटिल नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने भी वक्फ संपत्तियों पर सरकारी भवन बनाए और निजी लोगों यहां तक कि खुद मुसलमानों ने भी कब्जा किया है। एक रुपये और दो रुपये में किराएदारी तय की गई, जो दुखद है। पठान ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ाया, पुराने अधिनियम में संशोधन किया और आज सौभाग्य से स्थिति में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा हमें यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि अधिनियम अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुआ है लेकिन सरकार की मंशा सही है और केन्द्रीय मंत्री बहुत रुचि के साथ काम कर रहे हैं। एक दिन हम अपनी सोच में सफल होंगे।
रईस खान पठान ने कब्जा करने वालों से आग्रह किया कि संपत्ति खाली करें या कार्रवाई के लिए तैयार रहें। जितनी जल्दी हो सके सभी संपत्तियों को पंजीकृत करा लें। पठान ने इम्पार के अध्यक्ष डॉ. एमजे खान से अपील की है कि अगर इम्पार परिषद से कोई सहयोग चाहता है तो वह इसमें एक पुल के रूप में कार्य करने के लिए तैयार हैं। डॉ. एमजे. खान ने इम्पार का परिचय कराते हुए कहा कि अगर इम्पार किसी तरह काउंसिल के कामों को समाज तक पहुंचाने में सहयोगी बन सकता है तो वह इस के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि इम्पार का उद्देश्य समाज को नकारात्मक सोच से बाहर निकालना, लोगों को रोजगार से जोड़ना और झूठी खबरों का मुकाबला करना है। डॉ. खान ने कहा कि हम लोगों को व्यापार और शिक्षा में शामिल करने और संवेदनशील मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कार्यक्रम विकसित कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि हम जल्द ही एक बेहतर रूपरेखा पेश करने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में इम्पार की उपयोगिता और अधिक होगी। पठान ने कहा कि अगर वह समाज में बेहतर काम करने में इम्पार के सहयोगी बन सकते हैं तो उसमें उनको ख़ुशी होगी।
साभार – हिस