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बांग्लादेश की मुक्ति के दौरान आईएनएस विक्रांत के गौरवशाली योगदान को याद किया
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राष्ट्रपति को औपचारिक परेड के साथ 150 सदस्यीय गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया
नई दिल्ली, सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को नेवल एविएशन, गोवा को ‘प्रेसिडेंट कलर’ दिए जाने के मौके पर बांग्लादेश की मुक्ति के दौरान आईएनएस विक्रांत के गौरवशाली योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि इस नेवल एविएशन ने पिछले सात दशकों में राष्ट्र के लिए असाधारण सेवा के साथ खुद को प्रतिष्ठित किया है। नौसेना की यह उड्डयन शाखा 1951 में अस्तित्व में आई लेकिन अब उसके पास 250 से अधिक विमान हैं। राष्ट्रपति ने सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना के स्वदेशीकरण के प्रयासों की सराहना भी की। इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रपति को औपचारिक परेड के साथ 150 सदस्यीय गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने युद्धपोत आईएनएस विक्रांत के गौरवशाली योगदान को याद किया, जिसने 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राष्ट्रपति ने कहा कि नौसेना के विमान कई शांतिकाल के साथ-साथ मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में भी सबसे आगे रहे हैं, जिससे न केवल हमारे देशवासियों को बल्कि मित्र देशों को भी राहत मिली है। राष्ट्रपति ने सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना के स्वदेशीकरण के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति ने विमानन प्रौद्योगिकी में की गई महत्वपूर्ण प्रगति, अत्याधुनिक स्वदेशी हथियारों की सुविधा, नौसेना के विमानों के लिए सेंसर और डेटा सूट का भी उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने अधिकारियों और नाविकों को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व की दृढ़ता के साथ नौसेना उड्डयन पुराना हो गया है। उन्होंने राष्ट्र के लिए नि:स्वार्थ सेवा के लिए सभी अनुभवी और सेवारत नौसेना एविएटर्स को भी बधाई दी।
नौसेना की यह उड्डयन शाखा 13 जनवरी 1951 को पहले सीलैंड विमान के अधिग्रहण और 11 मई 1953 को कोच्चि में आईएनएस गरुड़ की कमीशनिंग के साथ अस्तित्व में आई। आज इस नेवल एविएशन में भारतीय समुद्र तट और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के साथ नौ एयर स्टेशन और तीन नेवल एयर एन्क्लेव हैं। पिछले सात दशकों में यह एक आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत और अत्यधिक शक्तिशाली बल में बदल गया है, जिसमें 250 से अधिक लड़ाकू विमान, समुद्री टोही विमान, हेलीकॉप्टर और दूर से संचालित विमान (आरपीए) शामिल हैं। मौजूदा समय में नौसेना उड्डयन की यह इकाई किसी भी सैन्य मिशन को पूरा करने में सक्षम है।
इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रपति को औपचारिक परेड के साथ 150 सदस्यीय गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, पर्यटन, बंदरगाह नौवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, वेस्टर्न नेवल कमांड के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल आर हरि कुमार, नेवल एविएशन के फ्लैग ऑफिसर रियर एडमिरल फिलिपोज जी पिनुमूटिल के साथ-साथ अन्य नागरिक और सैन्य अधिकारी भी इस समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को ही भारतीय नौसेना उड्डयन को प्रेसिडेंट्स कलर प्रदान करने के लिए गोवा पहुंच गए थे। एयरपोर्ट पर गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई और मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। उन्होंने आज डाबोलिम में आईएनएस हंसा पर आयोजित समारोह में हिस्सा लिया।
साभार – हिस