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आइए जानते हैं हिंदू पंचांग और आज के बारे में…!!!

बोलिए हनुमान जी की जय।

ॐ शनि शनैश्चराय नमः
दिनांक 21 अगस्त 2021
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
शक संवत – 1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – श्रावण
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्दशी शाम 07:00 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
नक्षत्र – श्रवण रात्रि 08:22 तक तत्पश्चात धनिष्ठा
योग – सौभाग्य दोपहर 12:55 तक तत्पश्चात शोभन
राहुकाल – सुबह 09:30 से से सुबह 11:06 तक
सूर्योदय – 06:19
सूर्यास्त – 19:02
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण – व्रत पूर्णिमा, नारियली पूर्णिमा, ऋक् श्रावणी
विशेष – चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
विद्यार्थी विशेष

➡ अगर कोई बच्चा कमजोर है और पढ़ नहीं सकता तो उसको सिखा दें-

ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम : ॐ हयग्रीवाय नम।

अपने आराध्य को स्मरण करके जप करें।
भगवान विष्णु के चौबीस अवतार थे उसमे हयग्रीव अवतार हैं। ये अग्निपुराण में अग्निदेव वशिष्ठ से कहते हैं।
विशेष – 22 अगस्त 2021 रविवार को हयग्रीव जयंती हैं।

पंचक

: 22 अगस्त प्रात: 7.57 बजे से 26 अगस्त रात्रि 10.28 बजे तक
: 18 सितंबर दोपहर 3.26 बजे से 23 सितंबर प्रात: 6.45 बजे तक
एकादशी

18 अगस्त: श्रावण पुत्रदा एकादशी

सितंबर 2021: एकादशी व्रत

03 सितंबर: अजा एकादशी

17 सितंबर: परिवर्तिनी एकादशी

प्रदोष

20 अगस्त: प्रदोष व्रत

सितंबर 2021: प्रदोष व्रत

04 सितंबर: शनि प्रदोष

18 सितंबर: शनि प्रदोष व्रत

पूर्णिमा
अगस्त 2021
22 अगस्त रविवार श्रावण
सितंबर 2021
20 सितंबर सोमवार भाद्रपद

अमावस्या

07 सितंबर, मंगलवार भाद्रपद अमावस्या

दिनांक 21 को जन्मे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अक्सर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं।

शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30
शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9

शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052

ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी

कैसा रहेगा यह वर्ष
दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।

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