वाशिंगटन। अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) के पूर्व निदेशक जेम्स कॉमी पर कांग्रेस से झूठ बोलने का आरोप लगा है। यह आपराधिक मामला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने अटॉर्नी जनरल से पूर्व एफबीआई निदेशक कॉमी और उनके अन्य राजनीतिक विरोधियों पर मुकदमा चलाने का आग्रह करने के कुछ दिनों बाद दायर किया गया।
इस अभियोग के साथ कॉमी, ट्रंप की प्रमुख शिकायतों में से एक, 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की लंबे समय से चल रही जांच में शामिल होने वाले पहले पूर्व वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बन गए हैं, जिन पर मुकदमा चलाया जाएगा। ट्रंप वर्षों से इस जांच को धोखा और जासूसी बताते रहे हैं, जबकि कई सरकारी समीक्षाओं में यह दिखाया गया है कि मॉस्को ने रिपब्लिकन के अभियान में हस्तक्षेप किया था।
इस आपराधिक मामले से यह चिंता और गहरा सकती है कि अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी के अधीन न्याय विभाग को उन सार्वजनिक हस्तियों की जांच और अब उन पर मुकदमा चलाने के लिए हथियार बनाया जा रहा है, जिन्हें राष्ट्रपति अपने राजनीतिक दुश्मन मानते हैं। ट्रंप ने गुरुवार को अभियोग को अमेरिका के लिए न्याय करार दिया। ट्रंप के वफादार बॉन्डी और रूसी जांच के लंबे समय से मुखर आलोचक रहे एफबीआई निदेशक काश पटेल ने भी इसी तरह के बयान जारी किए। बॉन्डी ने कहा, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।”
इस बीच, कॉमी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में कहा, “न्याय विभाग के लिए मेरा दिल टूट गया है, लेकिन मुझे संघीय न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है। मैं निर्दोष हूं, इसलिए आप मुकदमा चलाएं, लेकिन आप उस विश्वास को बनाए रखें जो मेरे परिवार और मुझपर वर्षों से है।”
उल्लेखनीय है कि ट्रंप के पहले कार्यकाल के कुछ ही महीनों बाद कॉमी को बर्खास्त कर दिया गया था।
साभार – हिस
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