Home / Odisha / कोरोना ने रची दर्दनाक कहानी, माता-पिता की मौत, सात साल की बेटी बनी अभिभावक

कोरोना ने रची दर्दनाक कहानी, माता-पिता की मौत, सात साल की बेटी बनी अभिभावक

हेमन्त कुमार तिवारी, बालेश्वर

महामारी के महाचक्र के बीच कोरोना ने यहां एक दर्दनाक कहानी रचते हुए मात्र सात की आयु में एक बच्ची को अभिभावक की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया. कोरोना महामारी के कारण माता-पिता की मौत के बाद बालेश्वर जिले की भोगराई ब्लॉक के निमतपुर गांव की एक सात वर्षीय लड़की अपने महज 45 दिनों के भाई की पूरी-देखभाल कर रही है. आज यही इस नवजात के लिए मां भी है, पिता भी है और बहन भी.

जानकारी के अनुसार, कमलेश पंडा (36) की पत्नी स्मिता पंडा (28) कटक के आचार्य हरिहर रीजनल कैंसर सेंटर में स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत थीं. इसी दौरान 15 अप्रैल को वह कोरोना पाजिटिव पायी गयी. जब उन्हें कोविद अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो वह नौ महीने से अधिक की गर्भवती थीं. दाखिले के सात दिन बाद स्मिता ने एक बेटे को जन्म दिया. हालांकि, प्रसव के एक हफ्ते बाद ही उन्होंने कोरोना बीमारी के कारण दम तोड़ दिया. भगवान की लीला रही कि शिशु कोरोना संक्रमण से बच गया.

इस बच्चे पिता कमलेश भुवनेश्वर में ईस्ट कोस्ट रेलवे मुख्यालय के सुरक्षा विभाग में कार्यरत हैं और अपने नवजात बेटे और सात साल की बेटी को गांव ले आए और उन्हें अपने बड़े भाई देबाशीष को सौंप दिया.

इसके बाद, कमलेश कोविद-19 परीक्षण के लिए जलेश्वर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए और उनकी रिपोर्ट नकारात्मक आई, लेकिन जैसे ही उन्होंने संक्रमण के लक्षण दिखने लगे कमलेश भुवनेश्वर लौट आए और एक और जांच करायी तो रिपोर्ट पाजिटिव आई.

इसके बाद उन्हें रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया. उन्होंने 9 जून की सुबह करीब 5.10 बजे अंतिम सांस ली.

माता-पिता का साया उठने के बाद कमलेश और स्मिता की सात वर्षीय बेटी ने अपने नवजात भाई की देखभाल करने में ताकत दिखाई है. उसने हिम्मत से काम लेते हुए इस संकट में वह दूसरों के लिए मिसाल कायम कर रही है. वह उसे खाना खिलाती है और उसे अपने कंधों पर ले खिलाती है. वह उसे आश्वस्त करती है कि वह उसके लिए सबकुछ है.

वहीं कमलेश के बड़े भाई देवाशीष और स्मिता के परिवार वाले अब इस बात को लेकर परेशान हैं कि बच्चों की परवरिश कैसे की जाए. लोगों ने मांग की है कि सरकार को आर्थिक मदद देने के अलावा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोनों बच्चों का सही मार्गदर्शन में पालन-पोषण हो.

Share this news

About desk

Check Also

दूसरे चरण के मतदान से पहले भुवनेश्वर और सोनपुर में भारी नकदी बरामद

चुनावों के दौरान कार्रवाई में जुटीं प्रवर्तन एजेंसियां भुवनेश्वर। ओडिशा में चुनाव आयोग की रणनीति …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *