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कटक में लॉकडाउन की व्यवस्थाओं से लोग नाखुश

शैलेश कुमार वर्मा, कटक

कटक में लॉकडाउन की व्यवस्थाओं से लोगों ने नाखुशी जाहिर की है. पांच मई से लॉकडाउन 14 दिनों के लिए लगाया गया है. लॉकडाउन के दौरान व्यवस्थाओं पर कटक शहर के लोगों ने उंगली उठाने शुरू कर दी है. लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर जिस प्रकार लोगों का आना जाना लगा हुआ है, इस व्यवस्थाओं से लोग नाखुश नजर आ रहे हैं. लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि इस तरह लॉकडाउन लगाने की अपेक्षा ना लगाना ही बेहतर था. लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह बंदी होनी चाहिए, चाहे वह ऑफिस, कार्यालय, फैक्ट्री, प्राइवेट कंपनी, कंस्ट्रक्शन वर्क, बिल्डिंग मटेरियल आदि ही क्यों न हो. लोगों का कहना है कि जिस प्रकार से शहर में लॉकडाउन होना चाहिए, वह एकदम नहीं हो पा रहा है. सड़कों पर लोगों का आना जाना उसी प्रकार लगा हुआ है, जिस प्रकार लॉकडाउन से पहले था. इस संदर्भ में हमारे संवाददाता ने शहर के कई लोगों से प्रतिक्रिया ली. इस पर लोगों ने अलग-अलग रूप से अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.

कटक महानगर नागरिक महासभा के अध्यक्ष डॉ रवि रंजन साहू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पिछले वर्ष जिस तरह लॉकडाउन किया गया था और पुलिस प्रशासन जिस प्रकार से कड़ाई कर रही थी, इस वर्ष वह देखने को नहीं मिल रहा है और लॉकडाउन पूर्ण रूप से विफल नजर आ रहा है. सोमवार से शुक्रवार तक प्रातः 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक आवश्यक वस्तुओं के लिए दुकाने के खुला रहने के कारण लोग आराम से इधर-उधर घूम रहे हैं. जिस कारण लॉकडाउन विफल होते हुए नजर आ रहा है और प्रशासन भी लाचार दिख रहा है. इस प्रकार से लॉकडाउन महीनों महीनों लगाने के बाद भी इसका असर शहर में नहीं के बराबर रहेगा. लॉकडाउन के एक हफ्ता होने के बावजूद राज्य में कोरोना महामारी की संख्या कम नहीं हो पाई है, जो अब पूरी तरह चिंता का विषय बना हुआ है. लॉकडाउन के समय साधारण नागरिक के लिए पिछले वर्ष जो सुविधा मिल रही थी, वही सुविधा इस वर्ष भी मिलनी चाहिए.

गुर्जर भारती के अध्यक्ष रुपेश दोशी का कहना है कि सच्चे मायने में व्यवस्थित रूप से लॉकडाउन लागू न करने की वजह से आज हर घर गली एवं मोहल्ले में कोरोना फैल गया है. लोगों में जागरूकता की कमी, नासमझी एवं प्रशासन के नियमों में दृढता नहीं होने की वजह से यह प्रचंड रूप धारण किया हुआ है.

डॉक्टरों के सुझावों के मुताबिक, एन95 मास्क पहनकर आवश्यक दूरी बनाए रखने एवं जरूरत न होने पर घर में ही रहकर नियम से लॉकडाउन का पालन करने पर ही हम सब सुरक्षित रह सकते हैं.

कटक शहर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं सैल्यूट तिरंगा के ओडिशा प्रदेश प्रभारी नथमल चनानी (मामा जी) ने कहा कि पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से निभा रहा है. उन्होंने लॉकडाउन पर बोलते हुए कहा कि प्रशासन सिर्फ कड़ाई से पालन करते हुए फालतू घूमने वाले लोगों पर शिकंजा कसे. साथ ही उन्होंने कटक शहर के लोगों से जागरूक रहने का आवाहन करते हुए मास्क, सेनिटाइजर एवं 2 गज की दूरी का पालन करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कमिश्नरेट ऑफ पुलिस अपनी तरफ से जांच पड़ताल में कोई कमी नहीं कर रही है, लेकिन आम नागरिक को भी जागरूक होने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि एक हफ्ता के लॉकडाउन के दौरान कोरोना की संख्या में कोई कमी नहीं आई है. जिस प्रकार पहले कोरोना की जनसंख्या थी, उसी प्रकार आज भी है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

कटक की समाज सेविका एवं अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन ओडिशा प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष संतोषी चौधरी ने कहा कि अभी कोरोना के केसों में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए हमारी सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय लिया है, जो कि कोरोना का चेन को तोड़ने के लिए निहायत ही जरूरी थी. परन्तु देखा जा रहा है कि नागरिक इस निर्णय को लेकर बहुत कुछ उत्साहित नहीं हैं. सबके अपने-अपने तर्क हैं. कोई रोजगार का हवाला देता है तो कोई अन्य जरूरी कामों का. पर पहले जान बचेगी तब ही तो बाकी के काम भी होंगे. इस सम्बंध में मेरे विचार से प्रशासन को और भी सख़्ती दिखानी चाहिए और जरूरी सेवाओं की छूट देकर ध्यान देना चाहिए कि उसका दुरूपयोग ना हो. वहीं नागरिकों को भी समझना चाहिए कि ये सब उनकी जीवन रक्षा के लिए अतिआवश्यक है. मास्क लगाना और लॉकडाउन के नियमों का पालन करना जीवन रक्षा के लिए जरूरी है.

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