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ओडिशा में जोड़-तोड़ की राजनीति हुई तेज

  • भाजपा, कांग्रेस और बीजद के नेताओं ने दिए इस्तीफे

  • कांग्रेस नेता तथा पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह भोई बीजद में शामिल हुए

  • भाजपा के दो नेताओं ने पार्टी छोड़ी, एक ने थामा बीजद का साथ, दूसरा इंतजार में

भुवनेश्वर। ओडिशा में लोकसभा के साथ होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है और जोड़-तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। राज्य में सत्तारूढ़ बीजद के एक नेता, भाजपा के दो और कांग्रेस के एक नेता ने अपने-अपने दल से इस्तीफे दे दिया है। कुछ ने दल बदल लिये, तो कुछ मूड बना रहे हैं।

कांग्रेस को झटका देते हुए पूर्व मंत्री तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र सिंह भोई आज विधिवत रुप से बीजद में शामिल हो गये। राज्य सरकार में मंत्री टुकुनी साहू व राज्यसभा सांसद सस्मित पात्र की उपस्थिति में उन्होंने बीजद की सदस्यता ली। वह अपने समर्थकों के साथ आज सुबह बीजद मुख्यालय शंख भवन पहुंचे तथा बीजद की सदस्यता ली।

भोई ने गुरुवार को दिया था इस्तीफा

उल्लेखनीय है कि भोई ने गुरुवार को बलांगीर जिला कांग्रेस का पद छोड़ दिया था। उन्होंने अपने प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पत्र को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शरत पटनायक के जरिये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पास भेज दिया था। तभी से यह कयास लगाये जा रहे थे कि वह बीजद का दामन थामेंगे। भोई 38 साल तक कांग्रेस से जुड़े रहे। 1995 से दो बार यानी 2004 तक वह बलांगीर के सइंतला से कांग्रेस से विधायक थे। इसके बाद 2009 से 2014 तक वह टिटिलागढ से विधायक रहे। कांग्रेस सरकार के समय वह जंगल पर्यावरण व ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेदारी संभाला था।

नीलगिरि विधायक ने भाजपा से दिया त्यागपत्र

नीलगिरि से भाजपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने सुकांत नायक ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल को पत्र लिख कर अपने त्यागपत्र के बारे में जानकारी दी है। इस पत्र में उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारण के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

 वह 2014 में पहली बार बीजू जनता दल से विधायक के रुप में निर्वाचित हुए थे, लेकिन 2019 में बीजद ने उनका टिकट काट देने के कारण वह भाजपा में शामिल हो गये थे तथा भाजपा से विधायक बन गये थे। अब चुनाव से ठीक पूर्व उन्होंने भाजपा को अलविदा कह दिया है। उनके शीघ्र ही बीजद में शामिल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

भाजपा सूत्रों के अनुसार वह काफी दिनों से बीजू जनता दल से संपर्क में थे। पिछले 5 मार्च को बीजू पटनायक के जयंती पर उन्होंने अपने इलाके में बडे पैमाने पर बीजू पटनायक की जंयती को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया था। तभी से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह बीजद में शामिल हो सकते हैं। लेकिन गठबंधन को लेकर चर्चा कुछ दिनों तक जारी रहने के कारण उन्होंने त्यागपत्र नहीं दिया था। जब गठबंधन की बात समाप्त हो गई तब उन्होंने भाजपा से त्यागपत्र दे दिया है।

भाजपा के कटक जिलाध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी

भारतीय जनता पार्टी के कटक जिले के जिलाध्यक्ष तथा पूर्व विधायक प्रकाश बेहरा ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल के पास भेज दिया है। बताया जा रहा है कि शीघ्र ही वह बीजद में शामिल हो जाएंगे।

त्यागपत्र देने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में बेहरा ने कहा कि भाजपा के साथ वह एडजस्ट नहीं कर पाये। उन्हें टिकट को लेकर कोई समस्या नहीं थी। भाजपा उन्हें टिकट भी देती, लेकिन पार्टी के साथ एडजस्ट करने में दिक्कतों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि लोगों के सेवा करे तथा संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी में आये थे, लेकिन पार्टी को मजबूत करने में जिनकी प्रमुख भूमिका थी, उन्हें पार्टी में अनदेखी किया जा रहा था। इस बारे में पार्टी के विभिन्न मंचों पर मैंने उपस्थित पदाधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन इसके बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ। इस कारण मैंने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। अपने समर्थकों के साथ बातचीत कर आगामी कदम उठाऊंगा।

उल्लेखनीय है कि बेहरा कांग्रेस से सालेपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। 2019 चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा मे शामिल हो गये थे। उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गये थे।

चित्रकोंडा के पूर्व विधायक ने बीजद छोड़ी

बोंडा आदिवासी युवा नेता और मालकानगिरि जिले के चित्रकोंडा के पूर्व विधायक डंबरू सिसा ने बीजू जनता दल (बीजद) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। युवा नेता डंबरू 2014 में बीजद के टिकट पर ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए थे। पूर्व विधायक ने अपना इस्तीफा पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक को भेजा है।

2019 के आम चुनावों में दंबारू की कथित तौर पर उपेक्षा की गई और उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया गया। आदिवासी नेता ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि वह जल्द ही एक नई शुरुआत करेंगे। वह 2024 के आम चुनाव के लिए बीजद से टिकट के इच्छुक थे। दम्बारू पिछले 16 वर्षों से बीजद के प्राथमिक सदस्य थे। उनका मानना था कि वह अब इस पार्टी के भीतर ओडिशा के लोगों और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करने में असमर्थ हैं। उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा है कि अब मेरे लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि 33 वर्ष की आयु में वह चित्रकोंडा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य बने थे। वह ओडिशा के पहले बोंडा विधायक रहे।

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