Home / Odisha / कोरोमंडल ट्रेन के घायल लोको पायलटों की हालत गंभीर

कोरोमंडल ट्रेन के घायल लोको पायलटों की हालत गंभीर

  • आईसीयू में चल रहा है इलाज

  • मालगाड़ी और शालीमार एक्सप्रेस के चालक हैं सुरक्षित

  • सौभाग्य से टी-ब्रेक के लिए गया था मालगाड़ी का गार्ड

भुवनेश्वर। बालेश्वर जिले के बाहनगा में हुई दुर्घटना में शामिल कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट और उनके सहायक को गंभीर चोट लगी है। इनकी हालत गंभीर बताई गई है, लेकिन आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है। बताया जाता है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट के बाएं पैर में फ्रैक्चर के साथ-साथ कई खरोंचें आई हैं। हालांकि वह होश में हैं, फिर भी वह कमजोर हैं। उनके सहायक की भी ऐसी ही स्थिति है। हालत गंभीर बताई जा रही है और दोनों का एक अस्पताल के आईसीयू में चल रहा है। सुरक्षा कारणों से, लोको पायलट और उसके सहायक दोनों का आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है और अस्पताल के अधिकारियों ने उनके ठिकाने का खुलासा करने से परहेज किया है। सूत्रों ने कहा कि फिलहाल वे जिन अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, सुरक्षा कारणों से इसका खुलासा नहीं किया जाएगा।

गनीमत रही कि मालगाड़ी के और शालीमार एक्सप्रेस के चालक सुरक्षित हैं। हालांकि जब कोरोमंडल एक्सप्रेस ने उसे पीछे से टक्कर मारी उस समय सौभाग्य से मालगाड़ी का गार्ड टी-ब्रेक के लिए गया था।

रेलवे के अन्य कर्मचारी भी हुए हैं घायल

रेलवे सूत्रों ने बताया कि रेलवे के कुछ अन्य कर्मचारी भी घायल हुए हैं। इसमें टीटी और आरपीएफ के जवान भी शामिल हैं। हालांकि इनको गंभीर चोटें नहीं आईं हैं। इनको मामूली इलाज के बाद छोड़ दिया गया है।

लोको पायलट को दोषी ठहराने की अफवाहें से परिवार चिंतित

एक अखबार से बात करते हुए उनके परिवार सदस्यों ने मीडिया से उनकी निजता का सम्मान करने की गुहार लगाई, खासकर जब उन्हें दुखद ट्रेन दुर्घटना के लिए दोषी ठहराया जा रहा है।

लोको पायलट की गलती नहीं – रेल अधिकारी

हालांकि, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं। दोषी ठहराने की बातें अफवाहें हैं। लोको पायलट के काम में ट्रेन को चालू करना, रोकना और गति देना शामिल है। उन्होंने बताया कि एक बार हरी झंडी मिलने के बाद जब गाड़ी 128 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार दौड़ रही होगी और वह भी रात के अंधेरे में, कोई रास्ता नहीं था। रात में जबतक लोको पायलट ने देखा होगा कि यह एक मालगाड़ी से टकराने वाली है, तो वह क्या कर पाएगा। उस समय गाड़ी पूरी गति में होगी, तो कुछ नहीं कर पाएगा।

परिचालन को सिग्नलमैन, सेक्शन ऑफिसर, सेक्शन हेड और स्टेशन मास्टर द्वारा सेक्शन ऑफिस से नियंत्रित किया जाता है। लोको पायलट का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है।

Share this news

About desk

Check Also

जरुरी स्वास्थ्य सेवा के लिए एयर एंबुलेंस होंगे तैनात – मुख्य चुनाव अधिकारी

भुवनेश्वर। चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मचारी व मतदाताएं की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *