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ओडिशा में माओवादी हमले में आयी कमी

  •  12 वर्षों में माओवादी हमलों में 350 से अधिक लोग मरे

  •  मृतकों में सुरक्षाकर्मी भी शामिल

  •  हर साल माओवादी की औसतन 103 घटनाएं हुईं

  •  साल 2020 और 2021 के बीच माओवादियों द्वारा 29 लोग मारे गये

भुवनेश्वर। ओडिशा में माओवादी हमले में कमी देखने को मिल रहा है। हालांकि पिछले 12 वर्षों के दौरान माओवादी हमलों में सुरक्षाकर्मियों सहित 350 से अधिक लोग मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 12 वर्षों के दौरान ओडिशा में 1246 माओवादी हमले हुए। इनमें कुल 357 लोग मारे गये। इन मृतकों में आम नागरिक और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि हर साल ओडिशा में माओवादी की औसतन 103 घटनाएं हुईं। साल 2020 और 2021 के बीच माओवादियों द्वारा 29 लोग मारे गए। इन घटनाओं के बावजूद आंकड़े बताते हैं कि राज्य में माओवादी उग्रवाद की गतिविधियों में कमी आ रही है। ओडिशा में माओवादी उग्रवाद की घटनाओं की संख्या साल 2010 में 218 था, जो घटकर साल 2021 में 32 तक आ गयी है। इसी तरह से मौतें की संख्या में भी गिरावट आयी है। साल 2010 में 79 लोगों की मौत की संख्य घटकर पिछले साल 3 हो गई है।
माओवादी गतिविधियों का भौगोलिक प्रसार कम हुआ
आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में माओवादी उग्रवादी गतिविधियों का भौगोलिक प्रसार भी कम हुआ है। अब गृह मंत्रालय (एमएचए) की सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत केवल 10 जिलों को कवर किया गया है। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले इस योजना के तहत 19 जिलों को शामिल किया गया था। एसआरई एक गैरयोजना है और 1 अप्रैल, 1996 से कार्यान्वयन हुई है। इस योजना का उद्देश्य माओवादी उग्रवाद की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्यों के प्रयासों को पूरा करना है।
एसआरई में शामिल हैं 10 जिले
एसआरई में शामिल 10 जिले बरगढ़, बलांगीर, कलाहांडी, कंधमाल, कोरापुट, मालकानगिरि, नवरंगपुर, नुआपड़ा, रायगढ़ा और सुंदरगढ़ हैं। इन 10 जिलों में से केवल तीन जिलों, कंधमाल, मालकानगिरि और कलाहांडी को सबसे अधिक प्रभावित माओवादी उग्रवाद जिलों के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि कोरापुट को गृह मंत्रालय द्वारा चिंता के जिले के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में 974 किलोमीटर सड़क बनी
सरकार द्वारा की गई आर्थिक और कल्याणकारी गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में लोकसभा को बताया था कि दो योजनाओं के तहत ओडिशा के एलडब्ल्यूई प्रभावित क्षेत्रों में 974 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया गया है।
256 मोबाइल टावर लगाए गए
राज्य के ऐसे क्षेत्रों में दूरसंचार में सुधार के लिए 256 मोबाइल टावर लगाए गए हैं, जबकि अन्य 483 टावरों के लिए कार्यादेश जारी किए गए हैं।
प्रभावित जिलों के लिए 234.33 करोड़ जारी
बताया जाता है कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत ओडिशा के सबसे अधिक माओवादी उग्रवाद प्रभावित जिलों को कुल 234.33 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सड़क मरम्मत, स्वास्थ्य अधोसंरचना में सुधार, शिक्षा से जुड़ी परियोजनाएं, ग्रामीण अधोसंरचना परियोजनाएं आदि विभिन्न प्रकार की परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में कौशल विकास पर जोर
ओडिशा के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में कौशल विकास योजना के तहत शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और 10 कौशल विकास केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। केंद्र ने ओडिशा के लिए 64 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों को भी मंजूरी दी है, जिनमें से 18 कार्यरत हैं।
बैंकिंग और पोस्टल सेवाएं सुदृढ़
माओवादी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में वित्तीय समावेशन के लिए 49 बैंक शाखाएं, 95 एटीएम और 1144 बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट स्थापित किए गए हैं और पिछले सात वर्षों में दो चरणों में ऐसे क्षेत्रों में 247 डाकघर खोले गए हैं।

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