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असली आजारी अपनाओं” अणुव्रत संगोष्ठी का आयोजन

  • मानवीय मूल्यों के संरक्षण से ही संभव है असली आजादी -मुनि जिनेशकुमार

कटक। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेशकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर “असली आजादी अपनाओ अणुव्रत संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय अणुव्रत समिति द्वारा किया गया । इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती नितिशा चांडक (एस. डी. जे. एम. केन्द्रापाडा) एवं मुख्यवक्ता तुलसीराम जैन (वरिष्ठ साहित्यकार तुषरा) थे। संगोष्ठी का विषय था- “आजादी के अमृत महोत्सव पर आत्मावलोकन अणुव्रत की नजर से ।
इस अवसर पर उपस्थित अणुव्रत सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा -भारत विश्व का प्राचीन देश है इस भूमि का गौरव विशिष्ट है। इसके गौरव को बढ़ाने का दायित्व इस देश में नागरिकों पर है। आजाद भारत में हर कोई सुख की श्वास ले रहा है पर हमें विचार करना है कि हमने असली आजादी अपनाई है या नहीं।
अणुव्रत का कहना है कि असली आजादी तभी होगी जब, हम इस देश को बनाए रखने के लिए मानवीय मूल्यों का संरक्षण व संवर्धन करेंगे | राष्ट्रसंत आचार्य श्री तुलसी से नैतिक मूल्यों के विकास के लिए अणुव्रत आंदोलन का सुत्रपात किया। अणुव्रत का अर्थ है-छोटे छोटे नियम। अणुव्रत कहता है कि तुम जैन बनो या मत बनो किंतु गुडमैन अवश्य बनो। क्योंकि जो गुडमैन बनता है वही असली आज़ादी अपना सकता है। अणुव्रत की साधना सहज- सरल है। जब छोटा सा एक कंकर गाड़ी को रोक सकता है तो एक छोटा सा नियम जीवन को क्यूँ नहीं बदल सकता। आचार्य तुलसी ने व्यक्ति सुधार के इस मिशन को गरीब की झोंपड़ी से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पदयात्रा कर जन-जन तक पहुँचा उन्होंने अणुव्रत के माध्यम से व्यक्ति सुधार का भगीरथ प्रयत्न किया। मुनि श्री ने अणुव्रत के 11 नियमों की विस्तृत व्याख्या की ।बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने अणुव्रत गीत का सुमधुर संगान किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि न्यायधीश श्रीमती नितिशा चांडक ने कहा- भारत ने आजादी के 75 वर्ष में बहुत उन्नति की है। आज महिलाएँ हर क्षेत्र में कार्य कर रही है। हम सभी अपनी बहू-बेटियों को प्रोत्साहन दें।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तुलसी राम जैन ने अपने विद्वतापूर्ण वक्तव्य में कहा- हमें मैं, मेरी और मेरे में ही सीमित नहीं होना है। भारत युवाओं का देश है, भारतीयों में सेवाभाव, निष्ठा, समर्पण कोरोना काल के दौरान सभी देखने को मिला। भविष्य भारत के नाम लिखा जा चुका है। राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण अणुव्रत की भूमिका रही है और रहेगी।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुश्री प्रियंका सिंघी व सुश्री विशाखा सिंघी के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण अतिथि परिचय व आभार अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मुकेश डूंगरवाल ने किया। समिति की तरफ से अतिथियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद व मंत्री विकास नौलखा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कमल बैद,संतोष सिंघी,व सुनील कोठारी आदि कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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