Home / Odisha / विवादों में घिरा उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, कटक शाखा का चुनाव
फाइल फोटो

विवादों में घिरा उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, कटक शाखा का चुनाव

  • प्रत्याशियों के लिए नये नियम को लेकर जमकर हुआ हंगामा

  • कटक शाखा के चुनाव में केंद्रीय नियम कैसे होगा लागू, उठ रहा सवाल

  • एक संस्था में दो तरह की सदस्यता कैसे

  • प्रदेश अध्यक्ष की सफाई को सदस्यों ने नकारा

  • सुरेश कमानी ने लिया नामांकन पत्र

  • नियम थोपा गया तो मामला जायेगा अदालत- पवन भावसिंहका

साभार, शैलेश कुमार वर्मा, कटक,
उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा का चुनाव विवादों में घिर गया है. प्रत्याशियों के लिए नये नियम को लेकर जमकर हंगामा हुआ है. सवाल उठने लगा है कि कटक शाखा के चुनाव में केंद्रीय नियम कैसे लागू हो सकता है. एक संस्था में दो तरह की सदस्यता कैसे हो सकती है. इस विवाद में प्रदेश अध्यक्ष की सफाई को भी सदस्यों ने नकार दिया है और पवन भावसिंहका ने कहा कि यदि नियम जबरन थोपा गया तो मामला अदालत में जायेगा, जबकि चुनाव अधिकारी कह रहे हैं कि नियम के तहत ही काम कर रहे हैं. आगामी 22 मार्च को सत्र 2020-22 के लिए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाला है. आज दूसरे दिन कटक शाखा के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश कमानी ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ चुनाव कार्यालय पहुंचकर नामांकन पत्र लिया. नामांकन पत्र चुनाव अधिकारी पुरुषोत्तम अग्रवाल, सुभाष केड़िया एवं विजय अग्रवाल ने दिया. नामांकन पत्र लेने के बाद चुनाव प्रक्रिया पर अंगुली उठाते हुए पवन कुमार भावसिंहका, अशोक चौबे एवं सुरेश शर्मा ने इस चुनाव को धांधली पूर्ण बताया. चुनाव अधिकारी पर भी आरोप लगाये गये कि अगर ऐसी कोई सूचना थी, तो आम सभा में जिक्र किया जाना चाहिए था, लेकिन कुछ लोगों के स्वार्थ पूर्ण रवैया के कारण एजीएम ही नहीं हुई. आज सुरेश कमानी के नामांकन पत्र लेने के बाद उनके साथ गए अशोक चौबे, पवन कुमार भावसिंहका एवं सुरेश शर्मा ने इसका जोरदार विरोध किया. मामला इतना गंभीर हो गया कि आपस में ही गहमागहमी जोरों पर हो गई.


इस मामले को निपटाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष अशोक जालान की मदद लेनी पड़ी, लेकिन सदस्यों ने इनकी बात को भी नकार दिया. उल्लेखनीय है कि उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा के होने वाले चुनाव के लिए उन्होंने एक नियम बनाया है कि अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन का जो सदस्य होगा, वही नामांकन पत्र भर सकता है. इसका ही सदस्यों ने यहां जोरदार विरोध किया और कहा कि इससे पहले यह नियम क्यों नहीं लगाया गया. सवाल उठने लगा है कि एक शाखा में दो तरह की सदस्यता कैसे हो सकती है. इस शाखा में लगभग सात हजार सदस्य हैं, जबकि नये नियम के अनुसार सिर्फ 28 ही इस पद के दावेदार हो सकते हैं. जबकि एक और दिलचस्प बात यह है कि अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के 28 सदस्यों में आठ का निधन हो चुका है. बाकी 20 सदस्य उपयुक्त हैं. सूत्र बता रहे हैं कि इनमें से 18 चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं, जबकि सिर्फ दो उपयुक्त प्रत्याशी ही बचे हैं, जिनमें से एक सुरेश कमानी प्रमुख प्रबल दावेदार हैं.


अन्य सदस्यों का कहना है कि यह अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन का चुनाव नहीं है, बल्कि उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन कटक शाखा का चुनाव है. अगर अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन का नियम का पालन किया जाएगा तो कटक शाखा के सदस्य मतदान किस आधार पर करेंगे. अभी कुछ महीनों के अंदर लगभग 27 सौ मेंबर बनाए गए हैं तो क्या उनको भी अब वोट देने का अधिकार मिलेगा या नहीं, अधिकार मतदान का अधिकार है तो चुनाव लड़ने का क्यों नहीं. यह बहुत बड़ा सवाल सवाल खड़ा किया गया है. उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के वरिष्ठ सदस्य पवन कुमार भावसिंहका ने कहा कि अगर इस नियम को थोपा गया तो इसके विरोध में वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. कुछ सदस्यों ने कहा कि उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन को कुछ वरिष्ठ सदस्य अपना बपौती बना रखे हैं, जिसे चलने नहीं दिया जाएगा. उनका इशारा संस्थापक सदस्य सूर्यकांत सांगानेरिया और सुरेश कमानी की तरफ था. धीरे-धीरे यह मामला गंभीर रूप से तूल पकड़ते जा रहा है. संभावना यह भी जताई जा रही है कि अगर यह मामला कोर्ट में गया तो चुनाव स्थगित भी हो सकता है. कटक मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष एवं उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के वरिष्ठ सदस्य किशन कुमार मोदी भी इस नियम को कहीं ना कहीं गलत बता रहे हैं.

Share this news

About desk

Check Also

बीजद ने देवगढ़ ने से रानी की उम्मीदवारी छिनी, कोरेई से प्रणव प्रकाश की मां को टिकट

विधानसभा की और और तीन सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की खंडापड़ा से सौम्य …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *