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वायदों और घोषणाओं में रह गयी बिजली अनुसंधान केंद्र योजना

  •  अब तक शुरू नहीं हुआ योजना पर काम

  •  हर साल ओडिशा में जाती है बिजली से लोगों की जान

गोविंद राठी,बालेश्वर. 
बालेश्वर में बिजली अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजना घोषणाओं में और वादों में सिमट कर रह गयी है. इस योजना पर अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है. इसी घोषणा मौसम विभाग ने की थी, लेकिन अब तक इस योजना पर काम शुरू होता नहीं दिख रहा है.
ओडिशा में हर साल बिजली गिरने से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है. जान-माल का काफी नुकसान होता है. उत्तरी ओडिशा में बिजली का प्रभाव ज्यादा रहता है. इसलिए लोगों को इस संबंध में अधिक सतर्क और सक्रिय और सतर्क रखने के लिए भारत सरकार ने बालेश्वर में एक बिजली अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई थी. इसकी घोषणा भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने की थी. उस समय कहा गया था कि बिजली अनुसंधान केंद्र की स्थापना से काल वैशाखी और बिजली गिरने की अग्रिम और सटिक जानकारी मिलेगी. प्रखंड का सटिक स्थान, जिले के किस क्षेत्र में आंधी-तूफान से सर्वाधिक प्रभावित होने की संभावना है, इसकी भी सूचना मिलेगी. हालांकि मौसम विभाग पहले ही इस बारे में चेतावनी दे देता है, फिर विज्ञान की प्रगति और तकनीकी ज्ञान के विकास के कारण एक उच्च शक्ति वाली तकनीकी से बिजली गिरने के सटिक समय और स्थान को जानना आवश्यक है. आईएमडी के निदेशक ने कहा था कि इसकी स्थापना बालेश्वर में की जाएगी.
जागरूकता बढ़ाने से बिजली से होने वाली क्षति कम होगी. आंकड़ों के मुताबिक, ओडिशा में हर साल बिजली गिरने से 300 से 400 लोगों की जान जाती है. अप्रैल से जून के बीच होने वाली काल वैशाखी के दौरान हवा एवं बारिश से व्यापक नुकसान होता है. बिजली गिरने से कई लोगों की जान जाती है. जिला आपातकालीन विभाग के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में अकेले ओडिशा में बिजली गिरने से 3,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिसमें मयूरभंज और बालेश्वर जिलों में सबसे अधिक मौतें हुई हैं. इसलिए इस क्षेत्र के महत्व को देखते हुए यह घोषणा की गई कि यहां बिजली अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा. छत्तीसगढ़, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को भी यहां अनुसंधान केंद्र की स्थापना से लाभ होगा.
भूविज्ञान मंत्रालय, इसरो और डीआरडीओ के सहयोग से इस केंद्र की स्थापना की जाएगी और आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी भुवनेश्वर, फकीरमोहन विश्वविद्यालय, उत्तर ओडिशा विश्वविद्यालय और कोलकाता विश्वविद्यालय मिलकर इस क्षेत्र में काम करेंगे. इसलिए जल्द ही इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा. डॉ. महापात्र ने कहा था कि इस केंद्र में मौसम मीटर सहित अत्याधुनिक उपकरण होंगे. जिला आपातकालीन अधिकारी रिजवान ककब से पूछने पर उन्होंने कहा कि बालेश्वर में लाइटनिंग रिसर्च सेंटर स्थापित किये जाने की घोषणा आईएमडी की तरफ से की गई है, मगर इस बाबत में विभाग की तरफ से और कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. निश्चित रूप से उत्तर ओडिशा के लिए यह केंद्र एक वरदान के रूप में साबित होगा.

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