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दूसरा चरण भी रहा हिंसाग्रस्त, लगभग 71 फीसदी मतदान

  •  पांच जिलों से हिंसा, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और मतदान केंद्र परिसर में तनाव जैसी घटनाएं हुईं

  •  कई बूथों पर लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार

भुवनेश्वर. पहले चरण की तरह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का दूसरा चरण भी हिंसाग्रस्त रहा. शुक्रवार दोपहर मतदान समाप्त होने के साथ ही कम से कम पांच जिलों से हिंसा, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और मतदान केंद्र परिसर में तनाव जैसी घटनाओं की खबर मिली है. दोपहर एक बजे तक लगभग 71 प्रतिशत मतदान हुआ. कई बूथों पर मतदान के बहिष्कार भी किया गया है. लोगों ने स्थानीय विकास और अन्य मुद्दों को लेकर मतदान का बहिष्कार किया.
जानकारी के अनुसार, जाजपुर जिले के दशरथपुर प्रखंड में 35 ग्राम पंचायतों और 4 जिला परिषदों के लिए 492 बूथों पर चुनाव हुए. हालांकि दोपहर के समय कनिकापड़ा पंचायत में दो स्थानों पर बदमाशों ने बूथों में घुसकर चुनावी प्रक्रिया बाधित किया, जिसके बाद मतदान स्थगित कर दिया गया.
इसी तरह दुदुरंत और बिरीपट ग्राम पंचायतों में छिटपुट हिंसा की घटनाओं से मतदान प्रक्रिया प्रभावित रही. जाजपुर के बिरीपट पंचायत में कुछ बूथों के सामने बम से हमले किये गये. सूत्रों ने बताया कि दशरथपुर के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) ने इन घटनाओं पर प्रभावित बूथों के पीठासीन अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है.
जगतसिंहपुर जिले में शुक्रवार को बदमाशों ने दो बूथों से मतपेटियों में लूटपाट की. सूत्रों के अनुसार जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत पतासरा ग्राम पंचायत के बूथ संख्या 1 व 2 से बदमाशों ने मतपेटियों को लूट लिया.
बरगड़ जिले में मतदाताओं और पुलिस के बीच विवाद देखने को मिला, जिससे कारण पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी. घटना गैसीलेट प्रखंड के कठौमल बूथ संख्या सात की बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार, विवाद के दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के सिर में चोट लगने के बाद पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया. स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और जनता के बीच मुठभेड़ के सही कारण का पता लगाया जा रहा है.
नवरंगपुर जिले के नंदाहांडी प्रखंड के वार्ड नंबर 7 में मतदाताओं ने मतपत्रों पर पहले से निशान होने की शिकायत की. मामले की सूचना मिलते ही मतदान रोक दिया गया. जानकारी के मुताबिक वोट डालने से पहले एक खास सरपंच उम्मीदवार के पक्ष में कई बैलेट पेपर पर निशान लगाया गया था.
इसी तरह गंजाम जिले के चिकिटी प्रखंड के कुतुरु पंचायत के रमैयापाटना गांव में भी मतदान के दौरान मतदाताओं को कई मतपत्र फटे और छेड़छाड़ किया हुआ मिला. कहा गया है कि रमैयापाटना गांव के एक विशेष बूथ में कम से कम 32 मतपत्र फाड़ दिए गए थे, जिसके बाद मतदान प्रक्रिया रोक दी गई थी.
राज्य चुनाव आयुक्त आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने शुक्रवार को कहा कि हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर, ओडिशा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 71 प्रतिशत मतदाताओं के साथ संपन्न हुआ. आगे आंकड़ों के संकलन के बाद मतदान का प्रतिशत बढ़ने की संभावना है. पाढ़ी ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, जगतसिंहपुर और जाजपुर जिलों के कुछ बूथों पर मतदान बाधित हुआ. मतपत्रों में कुछ अनियमितताओं के कारण दो-तीन बूथों पर पुनर्मतदान होने की संभावना है. संबंधित जिला कलेक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा.
एसईसी ने कहा कि दूसरे चरण के पंचायत चुनाव में 62.10 लाख पात्र मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करना था. उसमें से, कुल मतदाताओं का मतदान (प्रारंभिक रूप से) 71 प्रतिशत दर्ज किया गया है.
इससे पहले आयोग ने 16 फरवरी को पहले चरण के मतदान के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा की सूचना के बाद चुनाव के सुचारू संचालन के लिए पुलिस महानिदेशक को पर्याप्त उपाय करने के निर्देश जारी किए थे. ओडिशा में बुधवार को हुए पंचायत चुनाव के पहले चरण में 77.2 प्रतिशत मतदान हुआ.
देवगढ़ (83.75), झारसुगुड़ा (82.1), अनुगूल (82.6), सोनपुर (81.56), कलाहांडी (81.12), नवरंगपुर (80.54) और कोरापुट (80.2) के बाद बौध जिले में सबसे अधिक 84.7 प्रतिशत मतदान हुआ. गंजाम ने मतदान में सबसे कम 64.96 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

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