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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूचकांक में ओडिशा की तरक्की, चौथे पायदान पर आया

  • राज्यस्तरीय खाद्य सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक के दौरान आंकड़े और रैंक का खुलासा

  • मिलावटी भोजन के खिलाफ सरकार सख्त, ऐसे मामलों में बेरहमी से निपटने का निर्देश

भुवनेश्वर. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूचकांक में ओडिशा साल 2020-21 में चौथे स्थान पर रहा है. यह वर्ष 2019-20 में 13वें स्थान पर और 2018-19 में 26वें स्थान पर था. बुधवार को लोक सेवा भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई राज्यस्तरीय खाद्य सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक के दौरान आंकड़े और रैंक का खुलासा किया गया.

अब तक की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने विभाग को सुरक्षित भोजन तैयार करने के लिए रेहड़ी-पटरी वालों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिया कि खाद्य विक्रेताओं को मिलावटी भोजन के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभाव से अवगत कराया जाए.

मिलावटी भोजन बेचना एक आपराधिक गतिविधि

महापात्र ने मिलावटी भोजन के खिलाफ प्रवर्तन गतिविधियों को मजबूत करने के भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मिलावटी भोजन बेचना एक आपराधिक गतिविधि है जैसे कि मिलावटी दवा बेचना. इसे बेरहमी से निपटाया जाना चाहिए.

महापात्र ने नियमित रूप से जिलास्तरीय खाद्य सुरक्षा बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए, ताकि रेहड़ी-पटरी वालों और खाद्य व्यवसायियों द्वारा सुरक्षित भोजन की बिक्री पर नजर रखी जा सके. उन्होंने सार्वजनिक और स्थानीय पुलिस से कस्बों में बेचे जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जानकारी लेने की सलाह दी.

राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला ने अपनी क्षमता बढ़ायी

इस मौके पक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा, यामिनी षाड़ंगी ने बताया कि राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला ने अपनी क्षमता बढ़ा दी है. यह इसे कई मानक मान्यताएं प्राप्त हैं. विभिन्न खानों, सार्वजनिक समारोहों और त्योहारों में खाद्य परीक्षण के लिए मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला शुरू की गई है.

कई संस्थाओं को मिली मानक मान्यता

भगवान को चढ़ाया हुआ स्वच्छ भेंट के कार्यक्रम (बीएचओजी) के तहत राउरकेला में तारिनिमा मंदिर को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएएसएसआई) का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है. कीट अस्पताल को ओडिशा में फर्स्ट ईट राइट कैंपस घोषित किया गया. इसी तरह यूनिट-तीन में राम मंदिर रोड को जोड़ने वाले कॉन्वेंट स्कूल स्ट्रीट को क्लीन स्ट्रीट फूड हब घोषित किया गया.

बैठक में जिला स्तर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के लिए कार्यालय आवास की व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई. यह निर्णय लिया गया कि जिला मुख्यालय अस्पतालों में उनके लिए कार्यालय की जगह उपलब्ध कराने के लिए सभी संभावनाओं का पता लगाया जाए.

खाद्य परीक्षण में निजी प्रयोगशालाओं को शामिल करने पर विचार

बैठक में निगरानी को तेज करने, खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने, खाद्य परीक्षण में निजी प्रयोगशालाओं को शामिल करने, खाद्य दृढ़ीकरण उपायों आदि जैसे प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया. अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आरके शर्मा ने खाद्य सुरक्षा आयुक्त को खाद्य नमूने के संग्रह और परीक्षण को बढ़ाने के लिए आवश्यकताओं का आकलन करने का निर्देश दिया.

अक्टूबर 2021-22 के अंत 446 पर मामला दर्ज

वर्ष 2020-21 में निगरानी और प्रवर्तन के माध्यम से कुल 3049 नमूने एकत्र किए गए और उनका परीक्षण किया गया. इसमें से 576 नमूनों में मिलावट और गलत ब्रांडिंग के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसी तरह, अक्टूबर 2021-22 के अंत तक 1984 के कुल नमूनों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 446 को मिलावट या गलत ब्रांडिंग के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके अलावा कुल 280 मामलों में जुर्माना लगाया गया. विभाग ने कहा कि कुल 22,706 खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों (एफबीओ) को ऑनलाइन लाइसेंस जारी किए गए और 83,285 एफबीओ को ऑनलाइन पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया गया. 12 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम टर्नओवर वाले एफबीओ को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया जाता है और 12 लाख रुपये से अधिक के वार्षिक कारोबार वाले एफबीओ को लाइसेंस जारी किए जाते हैं. खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण के ऑनलाइन आवेदन के लिए ऑनलाइन प्रणाली को अपनाया गया है.

बैठक में विकास आयुक्त प्रदीप कुमार जेना, एडीजी कानून व्यवस्था आरके शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

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