Home / Nepal / नेपाल में बनेगा दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हाईड्रो पावर

नेपाल में बनेगा दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हाईड्रो पावर

  • 10 हजार मेगावाट क्षमता वाली परियोजना पर अडानी की दिलचस्पी

काठमांडू। नेपाल में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट बनाने को लेकर बातचीत शुरू कर दी गई है। देश के पश्चिमी क्षेत्र में बह रहे कर्णाली नदी पर 10,800 मेगावाट क्षमता वाली हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए भारत के अडानी ग्रुप ने दिलचस्पी दिखाई है।

शनिवार को प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचण्ड की अध्यक्षता वाली नेपाल इंवेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में कर्णाली चिसापानी हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट के काम को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। बोर्ड मीटिंग में प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने कहा कि यह परियोजना नेपाल के लिए एक गेमचेंजर साबित होगी। उन्होंने कहा कि मेरे इस कार्यकाल में एक बड़ा गेमचेंजर परियोजना को देश को समर्पित करना चाहता हूं।

प्रधानमंत्री प्रचण्ड ने कहा कि कई दशकों से इस परियोजना को विभिन्न कारणों से आगे नहीं बढ़ाया जा सका लेकिन अब इसमें देरी के लिए कोई कारण नहीं है। उन्होंने इंवेस्टमेंट बोर्ड से इस परियोजना के लिए निवेश की बातें आगे बढ़ाने को कहा है। बोर्ड के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस परियोजना के अध्ययन के लिए नेपाल विद्युत प्राधिकरण को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया है।

बोर्ड के सीईओ सुशील भट्ट ने कहा छह दशक के बाद ठस परियोजना को लेकर सरकार गम्भीरता से विचार कर लही है और जल्द ही ठसके प्रारम्भिक अध्ययन के लिए अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का एक समूह गठन कर इस काम को आगे बढाया जाएगा। सीईओ ने बताया कि बोर्ड इस परियोजना के लिए निवेशकर्ताओं से बातचीत शुरू करने वाली है। भट्ट के मुताबिक भारत और चीन के कुछ बड़ी कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है।

कर्णाली चिसापानी परियोजना से 10,800 मेगावाट बिजली तो निकाला ही जाएगा लेकिन इसके पानी से नेपाल और भारत दोनों ही देश की सिंचाई व्यवस्था को भी फायदा मिलने वाला है। इस नदी से निकलने वाली पानी से नेपाल में दो लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की जा सकती है, जबकि भारत की करीब 34 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकता है।

इनवेस्टमेंट बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रजोक्ट के लिए चीन की थ्री गर्जेज कंपनी और भारत का अडानी समूह ने बातचीत शुरू की है। बोर्ड के अधिकारी का दावा है कि चूंकी चीन की थ्री गर्जेज कंपनी का रिपोर्ट नेपाल में अच्छा नहीं है और उस कंपनी के पास रहे 700 मेगावाट की पश्चिम सेती हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट को सरकार ने रद्द करते हुए भारतीय कंपनी एनटीपीसी को देने की प्रक्रिया शुरू की है।

इसी बीच अडानी ग्रुप के तरफ से 10,800 मेगावाट क्षमता वाली हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट को लेकर सरकार और इंवेस्टमेंट बोर्ड से कुछ चरणों की प्रारम्भिक बातचीत हुई है। बोर्ड के सदस्यों का दावा है कि प्रधानमंत्री प्रचण्ड भी अडानी को यह प्रोजेक्ट देने के लिए सकारात्मक हैं। चूंकि यह बहुत ही बडा प्रोजेक्ट है इसलिए इसमें दोनों सरकार के बीच में औपचारिक सहमति के बाद ही इसको आगे बढ़ाया जाएगा।

Share this news

About admin

Check Also

नेपाल : राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट का भी विरोध करेगा विपक्ष

काठमांडू, प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस बजट सत्र के दौरान होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *