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बड़ी भूमिका के लिए उत्तर प्रदेश तैयार, बनेगा औद्योगिक निवेश का ग्लोबल हब

  • यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री योगी से भेंट

  • जीआईएस-23 में यूएसए से बड़े निवेश की जमीन तैयार, कई बड़ी कंपनियां कर रही हैं यूपी आने की तैयारी

  • उप्र के बदले माहौल को यूएस प्रतिनिधिमंडल ने सराहा, कहा हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव

लखनऊ, उत्तर प्रदेश को औद्योगिक निवेश का ग्लोबल हब बनाने के लिए जारी कोशिशों के बीच मंगलवार को यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की। इस दौरान उप्र शासन के अधिकारियों ने राज्य सरकार के प्रयासों और उसकी नीतियों के बारे में बताया।
उत्तर प्रदेश आगमन पर यूएसआईएसपीएफ प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 250 मिलियन की आबादी के साथ उप्र भारत का सबसे बड़ा राज्य है। हमारे पास सबसे बड़ा लैंडबैंक है। उद्योग अनुकूल औद्योगिक नीतियां हैं। सुदृढ़ कानून व्यवस्था है। हम खाद्यान्न उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि निर्यात भी कर रहे हैं। देश में सबसे अच्छी उर्वरा भूमि यूपी के पास है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप यूपी को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का राज्य बनने के हमारे संकल्प की पूर्ति में यूएसआईएसपीएफ सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यूएसए सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। ऐसे में अगर यह दो देश मिलकर काम करें तो यह विश्व मानवता के लिए कल्याणकारी होगा। इस दृष्टि से भारत और यूएसए के बीच रणनीतिक सम्बन्धों को और बेहतर करने में यूएसआईएसपीएफ की बड़ी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने यूपी को देश के ‘ग्रोथ इंजन’ की सामर्थ्य वाले राज्य की संज्ञा दी है। प्रदेश अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार है। पिछले पांच वर्षों में नियोजित प्रयासों से यूपी देश में औद्योगिक निवेश के सर्वश्रेष्ठ गंतव्य के रूप में उभर कर आया है।

10-12 फरवरी 2023 तक यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रहा है। यह समिट इंडो-यूएस द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने का बेहतरीन अवसर है। इस महत्वपूर्ण कार्य में यूएसआईएसपीएफ से सहयोग की अपेक्षा है।
उत्तर प्रदेश में बड़ा बाजार है। अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, पेप्सिको, सिनॉप्सिस, वालमार्ट आदि कई अमेरिकी कंपनियां उत्तर प्रदेश में पूर्व से ही कार्य कर रही हैं। सभी के अनुभव अच्छे हैं। सरकार सभी के व्यावसायिक हितों का ध्यान रख रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले हर एक निवेशक के हितों को सुरक्षित रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार निवेशकों को हर संभव सहायता देगी। प्रदेश में न केवल निवेशकों का हित सुरक्षित होगा, बल्कि उन्हें हर प्रकार का संरक्षण भी प्राप्त होगा।
‘यूएस-यूपी स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम’ का गठन किया जाएगा

यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि 2017 के बाद से उप्र को जो मिला है, वह अभूतपूर्व है। कानून-व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने जैसा शानदार काम किया है, कुछ समय पहले तक यहां उसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। चीन में निवेश करने वाली यूएसए की कई कंपनियां उत्तर प्रदेश की ओर देख रही हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस लिहाज से बड़ा ही उपयोगी होने वाला है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले ग्लोबल रोड शो के दौरान यूएसआईएसपीएफ यूनाइटेड स्टेट्स में मुख्यमंत्री योगी के स्वागत के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए यूएसआईएसपीएफ की तर्ज पर ‘यूएस-यूपी स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम’ का गठन किया जाएगा।
इनके अलावा रिन्यू पॉवर फाउंडेशन की चीफ सस्टेनिबिलिटी ऑफिसर वैशाली सिन्हा, पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल, सीईओ स्टैंडर्ड चार्टर्ड ज़रीन दारूवाला, स्पाइस जेट के चेयरमैन अजय सिंह, मेटा (फेसबुक) के पब्लिक पॉलिसी हेड राजीव अग्रवाल, बैंक ऑफ द वेस्ट की सीईओ नंदिता बख्शी समेत अन्य लोगों ने उप्र में योगी सरकार के प्रयासों की सराहना की और निवेश के अनुकूल माहौल बताया। इस मौके पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र समेत शासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
साभार-हिस

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