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गुजरात : राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट चला रहा हाथियों के लिए अत्याधुनिक अस्पताल

  •  राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट ने 150 से ज्यादा हाथियों को दिया नया जीवन

जामनगर/अहमदाबाद, जामनगर के पास खवड़ा में रिलायंस के सहयोग से राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट हाथियों के लिए केयर सेंटर संचालित कर रहा है। इन सेन्टरों में वृद्ध व बीमार हाथियों की देखरेख की जाती है। यहां तालाब, हाथियों के घूमने और चरने के लिए खास ट्रैक तैयार किया गया है।
जामनगर के पास खवड़ा में राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट बीमार व वृद्ध हाथियों के इलाज का बड़ा काम कर रहा है। ट्रस्ट का केयर सेंटर बीमार व वृद्ध हाथियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। यहां वर्तमान में 150 से अधिक परित्यक्त, घायल, बुजुर्ग हाथियों की देखभाल की जा रही है। यहां एक सर्कस में आग लगने से झुलसे हाथी का पूरा उपचार किया गया। इसी तरह बढ़ती उम्र में गठिया से पीड़ित एक और हाथी का इलाज किया गया और आज वह चलने-फिरने लगा है। यहां परित्यक्त, घायल, बुजुर्ग हाथियों की देखभाल की जा रही है। यहां हाथियों के नाम भी रखे गए हैं। जैसे, एक हाथी के बच्चे का नाम सूर्यवंशी, दूसरे का नाम बॉबी व चंपा है। यह हाथी किसी चिड़ियाघर, सर्कस या किसी अन्य मनोरंजन गतिविधि में हिस्सा नहीं लेते है। इस ट्रस्ट के केयर सेन्टर में केवल हाथियों का इलाज और सेवा की जाती है। देश के विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश आदि से वृद्ध व बीमार हाथियों को इलाज के लिए लाया गया है। सर्कस या अन्य गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाले हाथियों को भी रेस्क्यू के बाद यहां रखा जाता है।

राधेकृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट की शुरूआत 2013-14 में हुई थी। हाथियों की सेवा के लिए समर्पित इस ट्रस्ट का रिलायंस कंपनी पूरा सहयोग करती है। यहां पांच सौ एकड़ से अधिक मानव निर्मित मियावाकी वन बनाया गया है। हाथियों के लिए स्वछंद घूमने और चरने के लिए विशेष ट्रैक भी बनाए गए हैं। हाथियों के लिए पंखे, शॉवर भी लगे हैं। हाथियों के आवासों में विशेष रूप से आयातित रबर से फर्श बना है। इलाके में 100 एकड़ में फैले दस छोटे तालाब और नौ हाइड्रोथेरेपी पूल हैं। अधिकांश हाथी बुजुर्ग और गठिया से पीड़ित होते हैं, इसलिए हाइड्रोथेरेपी पूल बनाए गए हैं। यहां कई पूर्णकालिक और अंशकालिक पशु चिकित्सक काम कर रहे हैं। यहां हाथियों का भी आयुर्वेदिक तरीके से इलाज किया जाता है। यहां 300 से ज्यादा महावत 24 घंटे हाथियों पर नजर रखते हैं। जरूरत पड़ने पर यहां विदेशी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी लिया जाता है।
प्रख्यात पशु चिकित्सक और भारत के हाथी आदमी के रूप में जाने जाने वाले पद्मश्री कुशालकोंवर शर्मा हर महीने यहां आते हैं। हाथियों के तनाव को कम करने के लिए यहां दो जीवविज्ञानी हैं, क्योंकि यहां अधिकांश हाथियों का अतीत दर्दनाक रहा है। इस अत्याधुनिक अस्पताल में हाथियों की एंडोस्कोपी मशीन, सर्जरी की सुविधा, सिटी स्कैन, हाइड्रोलिक क्रेन की सुविधा है। हाथियों के लिए भी व्यायाम का ध्यान रखा जाता है। तकनीक और सॉफ्टवेयर की मदद से इनकी निगरानी की जाती है। यह ट्रस्ट देश का पहला ऐसा अस्पताल संचालित करता है जिसमें हाथियों का इलाज से लेकर अन्य जरूरी चीजों का ध्यान रखा जाता है।
साभार-हिस

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