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ओडिशा कोरोना टीकों की सुरक्षा दर का विश्लेषण करेगा

  • राज्य में 54 प्रतिशत आईसीयू बेड भरे

  • 56 प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर

  • स्वास्थ्य विभाग ने टीका लेने वालों को चेताया

  • संक्रमित के संपर्क में आने पर मुंह और नाक से शरीर में प्रवेश कर सकता है वायरस

भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार राज्य में कोरोना के टीकों की सुरक्षा दर का विश्लेषण करेगी. राज्य में 54 प्रतिशत आईसीयू बेड मरीजों से भरे हुए हैं, जबकि 56 प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. इसके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग ने टीका लेने वाले लोगों को चेताया है कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर कोरोना वायरस मुंह और नाक से शरीर में प्रवेश कर सकता है.

ओडिशा स्वास्थ्य सेवा के निदेशक विजय महापात्र ने आज चेतावनी दी कि टीकाकरण के लोगों को लापरवाह नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि टीकाकरण या वायरस के संपर्क में आने के कारण एंटीबॉडी के विकसित होने के बावजूद कोरोना वायरस नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है. हालांकि विश्लेषण के बाद ही किसी टीके की प्रभावशीलता का पूरा डेटा पता लगाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद संक्रमण, गंभीरता और मृत्यु की दर का पता तब तक नहीं लगाया जा सकता जब तक इस पर विश्लेषण नहीं किया जाता. इसके लिए राज्य के बाहर अन्य जगहों पर विश्लेषण शुरू हो गया है. हम भी जल्द विश्लेषण शुरू करेंगे. यह सब एक समय लेने वाली प्रक्रिया है.

इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि एक टीका हमें कोविद-19 वायरस से लगभग 71 से 91 प्रतिशत तक बचा सकता है, लेकिन वायरस नाक और मुंह के माध्यम से प्रवेश कर सकता है, जो खुला है. इसलिए लापरवाही ठीक नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 21 जून से शुरू होने वाले सार्वभौमिक टीकाकरण को शुरू करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. पर्याप्त जनशक्ति के साथ टीकाकरण के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार है.

उन्होंने कहा कि कई गंभीर कोविद-19 रोगियों को ईसीएमओ उपचार की आवश्यकता होती है और ओडिशा में सुविधाओं के अभाव के कारण अन्य राज्यों पर निर्भर होते हैं. राज्य सरकार ने ईसीएमओ मशीन की खरीद के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया है.

वर्तमान कोविद की स्थिति पर बोलते हुए महापात्र ने कहा कि कोविद संक्रमण की बढ़ती प्रवृत्ति वाले जिलों में निगरानी तेज की जाएगी.

17 जिलों, जिन्हें श्रेणी ए के रूप में वर्गीकृत किया गया है, में राज्य में दूसरी लहर में पहले प्रकोप को सामना किया था. इसलिए सबसे पहले इन इलाकों में संक्रमण कम हुआ है.

उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक राज्य में समग्र स्थिति में काफी सुधार होगी. अस्पतालों की स्थिति पर इस शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने आगे बताया कि लगभग 54 प्रतिशत आईसीयू बेड भरे हुए हैं और 56 प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.

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