Hindenburg ने जब 10 अगस्त तो अपनी रिपोर्ट जारी की तो एक पल के लिए ऐसा लगा कि मानों शेयर बाजार में फिर कयामत आने वाली है। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। अब भारतीय निवेशक मन ही मन हिंडनेबर्ग को कह रहे हैं कि एक ही चीज से कब तक डराओगे। अब तो ऐसी रिपोर्ट से डर भी नहीं लगता बल्कि छोटे निवेशक इस ताक में रहते हैं कि जैसे ही मार्केट गिरे वो निचले लेवल पर अपना पसंदीदा शेयर चुन लें। क्या आप भी इसी ताक में थे। हमें कॉमेंट में जरूर बताइए।
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