पुरी. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पुरी शहर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. दो दिन पहले श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने श्रद्धालुओं के लिए श्रीमंदिर के दरवाजे बंद कर दिये थे. इसके बाद कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने 15 मई तक शहर में व अन्य धार्मिक स्थरों पर भक्तों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है.
पुरी के उपजिलाधिकारी भवतरण साहू ने कहा कि 15 मई तक सभी मंदिरों, मठों, मस्जिदों और चर्चों को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा जाएगा. हालांकि, सभी दैनिक अनुष्ठानों को पुजारियों की मदद से पूजा स्थलों पर हमेशा की तरह आयोजित किया जाएगा. धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने पर अगला निर्णय कोविद-19 स्थिति को ध्यान में रखते हुए 15 मई के बाद लिया जाएगा.
इससे पहले शनिवार को एसजेटीए के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने एक आभासी बैठक के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर को बंद करने की घोषणा की थी. मंदिर के मुख्य प्रशासक ने कहा कि चंदन यात्रा, स्नान यात्रा, अक्षय तृतीया जैसे भगवान जगन्नाथ के आगामी प्रमुख त्योहारों के लिए सेवायतों और परिवार के सदस्यों के बीच संभावित वायरस का विस्तार हानिकारक होगा. इसलिए, मंदिर में भक्तों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया जाता है.
इसी तरह से जिला प्रशासन ने कोविद-19 के बढ़ते मामलों के कारण बाहरी शवों के अंतिम संस्कार के लिए स्वर्गद्वार में भी प्रतिबंध लगा दिया है. केवल गैर-कोविद की मृत्यु के मामले में जिले के शवों को अंतिम संस्कार की अनुमति दी जाएगी. रिश्तेदारों को दाह संस्कार से पहले प्रासंगिक दस्तावेजों को पेश करना होगा. इसी तरह के प्रतिबंध महोधाधि में अस्थि विसर्जन (राख विसर्जन) के मामले में भी लगाए गए हैं.