
अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर
राजभवन में ओडिशा के राज्यपाल प्रो गणेशीलाल की स्वर्गीय पत्नी सुशीला देवी के एकादशा के पावन अवसर पर अनेक आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किये गये. इन कार्यक्रमों के जरिए राज्य की प्रथम महिला सुशीला देवी को लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. सुशीला देवी के एकादशा के पावन अवसर पर भजनगायन से लेकर कर्मकाण्डी पूजा-पाठ तक के अनेक कार्यक्रम, मानव को सुख-दुख दोनों परिस्थितियों में धीरज-धारण कर अपने कर्तव्यपथ पर सतत अग्रसर होने, जैसे कार्यक्रम तथा स्वहित से बढ़कर सामाजिक हित और लोकहित होता है; जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये. ओडिशा के राज्यपाल प्रो गणेशीलाल द्वारा राजभवन परिसर में इस अवसर पर अनेक फलदार पौधे लगाये गये तथा सायंकाल ब्राह्मणों आदि को सादर महाप्रसाद भोजन कराकर उन्हें यथोचित दान-दक्षिणा आदि प्रदान किया गया.

गौरतलब है कि सुशीला देवी का जन्म हरियाणा में 06 दिसंबर,1947 को हुआ था, जिन्होंने अपने लगभग 75 साल के जीवनकाल में एक आदर्श पत्नी, आदर्श नारी, धर्मपरायणा महिला, निःस्वार्थ समाजसेविका तथा दूसरों के दुःख में सदैव हर प्रकार से सहयोग करने आदि जैसे प्रेरणादायक कार्य किया. भुवनेश्वर में वह राज्यपाल प्रो गणेशीलाल की तरह ही सभी के साथ आत्मवत व्यवहार करती थीं. वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित हो जाने के कारण 22 नवंबर, 2020 को स्थानीय सम अस्पताल में उनका असामयिक निधन हो गया. उनके निधन पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ-साथ ओडिशा प्रदेश के सभी वर्गों के लोग उनके असामयिक निधन से शोकाकुल हैं. लोगों का यह भी कहना है कि स्वर्गीय सुशीला देवी जैसी ओडिशा प्रदेश की प्रथम महिला का स्थान भविष्य में कोई प्रथम महिला नहीं ले सकती, क्योंकि वह ऐसी प्रथम आदर्श महिला थीं, जो मात्र कुछ वर्षों के भीतर ही अपने आपको प्रतिष्ठित कर दिया था. उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उनके चेहरे की मुसकराहट से सभी को आनन्द और मानव प्रेम की प्रेरणा मिलती थी. लोगों ने स्वर्गीय सुशीला देवी की आत्मा की चिर शांति हेतु महाप्रभु जगन्नाथ के चरणों में कोटिशः प्रार्थना की.
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