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जीएसटी संग्रह पर कोरोना की काली साया

  •  जून में सालाना आधार पर 7.86 प्रतिशत घटकर 2,693.75 करोड़ रुपये रहा

भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना का कहर न सिर्फ जनमानस पर बरप रहा है, अपितु अर्थव्यवस्था को झंकझोर कर रख दिया है. ओडिशा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सालाना आधार पर जून 7.86 प्रतिशत घटकर 2,693.75 करोड़ रुपये रह गया है. सालभर पहले इस महीने में जीएसटी राजस्व 2,923.47 करोड़ था. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में सकल जीएसटी संग्रह 5,192.30 करोड़ रुपये था, जो कि 2019-20 की पूर्ववर्ती तिमाही के दौरान 8,019.44 करोड़ रुपये से 35.25 प्रतिशत कम रहा. अप्रत्यक्ष कर के सकल आंकड़े में केंद्रीय जीएसटी, एकीकृत जीएसटी, राज्य जीएसटी और उपकर शामिल हैं. वाणिज्यिक कर और जीएसटी आयुक्त एसके लोहानी ने कहा कि लॉकडाउन ने 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. हालांकि, पिछले महीने के दौरान स्थिति में सुधार देखने को मिला है. इसमें 2,693.47 करोड़ रुपये के मुकाबले 2,693.75 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ. जून में कमी केवल 7.86 प्रतिशत थी.

वाणिज्यिक कर संगठन के क्षेत्र अधिकारियों द्वारा नियमित अनुनय और सुविधा के साथ जीएसटी परिषद द्वारा दी गई कुछ ढील के कारण यह संभव हो सकता है. जून में ओडिशा जीएसटी का राजस्व 759.17 करोड़ रुपये था, जबकि यह पिछले साल इसी महीने में यह 804.49 करोड़ रुपये था. लाकडाउन के कारण 2020-21 की पहली तिमाही में ओजीएसटी संग्रह 32.79 प्रतिशत घटकर 1,560.20 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान एकत्र किए गए 2,321.39 करोड़ रुपये था. लोहानी ने राजस्व आंकड़ों की समीक्षा के बाद कहा कि वाहनों की आवाजाही, जो व्यावसायिक गतिविधियों में सामान्य स्थिति की बहाली का एक महत्वपूर्ण संकेतक है में एक उत्साहजनक प्रवृत्ति दिख रही है. उन्होंने बताया कि इस साल फरवरी में औसत दैनिक अंतर-राज्यीय वे-बिल 22,104 जनरेट हुआ था. अप्रैल में गिर यह 3,356 पर आया गया था, लेकिन जून के अंतिम सप्ताह में इसमें 16,817 की उल्लेखनीय वृद्धि हुई. इसी तरह अप्रैल में औसत दैनिक इंट्रा-स्टेट वेबिल्स 8,517 था, जो जून के आखिरी सात दिनों में बढ़कर 23,577 हो गया.

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