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सुवर्णरेखा, जलाका और वैतरणी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा
भुवनेश्वर। ओडिशा के उत्तर दिशा के तीन जिले बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर भारी बारिश के कारण संभावित बाढ़ के खतरे से जूझ रहे हैं। सुवर्णरेखा, जलाका और वैतरणी नदियों के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने इन नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा दिया है, जिससे हालात चिंताजनक हो गए हैं।
वैतरणी नदी का जलस्तर अखुआपड़ा में खतरे के निशान 18.33 मीटर को पार करते हुए 18.8 मीटर तक पहुंच गया है। मुख्य अभियंता लिंगराज गौड़ ने चेतावनी दी कि जलस्तर 19 मीटर तक जा सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। इस बीच जलाका नदी के कारण बालेश्वर ज़िले के बस्ता ब्लॉक की चार बस्तियों में पानी भर गया है। प्रशासन ने इन इलाकों को खाली कराया और 22 लोगों तथा 15 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। लगभग 260 लोगों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया गया।
वैतरणी नदी के बांधों की रात में निगरानी
अतिरिक्त कलेक्टर सुधाकर नायक ने कहा कि जलाका नदी का जलस्तर और नहीं बढ़ने की संभावना है, लेकिन एहतियात के तौर पर प्रशासन सतर्क है। भद्रक जिले के सथिबांकुड़ा और जांभीरा के पास वैतरणी नदी के बांधों की रात में निगरानी की गई।
तैयारी की समीक्षा की गई
संभावित बाढ़ को देखते हुए ब्रह्मणी और वैतरणी नदियों से जुड़े इलाकों में एडीएम व डीएम इंचार्ज शिवानंद स्वाईं की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक हुई। बैठक में चक्रवात शेल्टरों की स्थिति, आपातकालीन व राहत सामग्री की उपलब्धता तथा 24×7 नियंत्रण कक्ष की तैयारी की समीक्षा की गई। दशरथपुर ब्लॉक के प्रभावित क्षेत्रों का भी जायजा लिया गया और अधिकारियों को पूर्ण तैयारी में रहने का निर्देश दिया गया। सुवर्णरेखा नदी के जलस्तर में वृद्धि की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रशासन बाढ़ की आशंका से सतर्क है और प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर अंजाम दिया जा रहा है।
बड़ी बाढ़ आने की संभावना नहीं
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता चंद्रशेखर पाढ़ी ने रविवार को बताया कि आने वाले दिनों में ओडिशा में बड़ी बाढ़ आने की संभावना नहीं है। पाढ़ी ने कहा कि चूंकि राज्य के किसी भी क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में 50 मिमी से अधिक बारिश नहीं हुई है, इसलिए प्रमुख नदियों के जलस्तर में धीरे-धीरे गिरावट आने की उम्मीद है।
हालांकि, सुवर्णरेखा नदी के जलस्तर में वृद्धि ने बालेश्वर जिले के निचले इलाकों में संभावित बाढ़ की चिंता पैदा कर दी है। पाढ़ी ने कहा कि भोगराई, बलियापाल, बस्ता और जलेश्वर जैसे ब्लॉक प्रभावित हो सकते हैं। राजघाट में आज रात 9 बजे तक नदी का जलस्तर 11.04 मीटर तक बढ़ने का अनुमान था।
कई जिलों में हाई अलर्ट, बड़े पैमाने पर रेस्क्यू शुरू
ओडिशा के उत्तरी जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते बाढ़ का खतरा गहराता जा रहा है। खासकर बालेश्वर, भद्रक, मयूरभंज, जाजपुर और केंदुझर जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। जलका और वैतरणी नदियों ने पहले ही खतरे का निशान पार कर लिया है, जबकि सुवर्णरेखा नदी बालेश्वर में खतरे के स्तर से ऊपर बहने की आशंका है।
पिछले 24 घंटे में मयूरभंज जिले में औसतन 94 मिमी बारिश दर्ज हुई है, वहीं 13 ब्लॉकों में 100 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। ऊपरी इलाकों में तेज बारिश से नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इससे निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बालेश्वर के बस्ता, भोगराई, जलेश्वर और बालीपाल ब्लॉकों में सुवर्णरेखा नदी के 11 मीटर से ऊपर बहने का अनुमान है, जो खतरे के निशान 10.36 मीटर से काफी ज्यादा है।
राहत और बचाव कार्य शुरू
बस्ता ब्लॉक में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और खुले किचन चलाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने इन्यूडेशन मैप के आधार पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
एनडीआरएफ, ओड्राफ और अग्निशमन तैनात
राज्य सरकार ने एनडीआरएफ, ओड्राफ और अग्निशमन टीमों को प्रभावित जिलों में तैनात किया है। भुवनेश्वर से दो इंजीनियर-इन-चीफ को सुवर्णरेखा और वैतरणी बेसिन की निगरानी के लिए भेजा गया है।