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फर्जी सेवायतों का होता है श्रीमंदिर में जमावड़ा
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पूछताछ में हुआ खुलासा
पुरी. महाप्रभु की रथयात्रा के बीच गुंडिचा मंदिर की सुरक्षा में बड़ी सेंध लगी है. आज तीन फर्जी सेवायत पकड़े गये हैं. दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा हिरासत में है. पूछताछ में मिली जानकारियां प्रशासन की नींद उड़ाने वाली हैं. श्रीमंदिर में फर्जी सेवायतों का जमावड़ा होता है, वह भी रथयात्रा के समय. आज कड़े पहरे के बावजूद पुलिस को धोखा देते हुए प्रशासन की धज्जियां उड़ाकर ये फर्जी सेवायत गुंडिचा मंदिर में प्रवेश किये थे. इन्होंने आज सुबह मंगल आरती में भाग लिया.
पुलिस ने बताया कि इनके चाल-ढाल की वजह से शक हुआ. इससे वहां मौजूद सेवायतों ने पकड़कर पूछताछ शुरू कर दी. इस दौरान संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर स्थानीय पुलिस को बुलाकर इनको सौंप दिया गया. दोनों युवकों को कुमार पड़ाथाने ले जाया गया और वहां से इनको कोर्ट भेज दिया गया. पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि ये दोनों कुंभारपड़ा और टाउन थाना इलाके के हैं. कुंभारपड़ा निवासी युवक का नाम अभिजीत महापात्र है और टाउन थाना अंतर्गत मारकंडेश्वर साही निवासी स्मृति रंजन मोहंती है. दोनों दोस्त हैं.
पूछताछ के दौरान युवकों ने बताया कि पकड़े जायेंगे, इसका अंदाजा नहीं था. हर साल रथयात्रा में सेवायतों का वेश धरकर कई लोग आसानी से महाप्रभु के दर्शन करते हैं. इसके तहत हम भी आज गुंडिचा मंदिर में प्रवेश किये. इस दौरान किसी को भी शक नहीं हुआ और हमने अंदर जाकर महाप्रभु के दर्शन किये. बताया जाता है कि एक और व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए मंदिर में भक्तों का प्रवेश वर्जित है. आज पकड़े गये तीनों में से एक पास धारक है. उसने बताया कि मैं महाप्रसाद लाने के लिए इसका उपयोग कर रहा था. गुंडिचा मंदिर के अंदर में महाप्रसाद था, जो हमें पास दिया है उन्हीं का महाप्रसाद था. हम सब लाने के लिए गए थे इसमें हमारा क्या कसूर?
इधर, गुंडिचा मंदिर के पास स्थित बस स्टैंड परिसर में जिला प्रशासन की तरफ से बनाए गए अस्थाई टेंट में महाप्रसाद बेचने का कार्य शुरू हो गया है. महाप्रसाद लेने के लिए कतार में सामाजिक दुरता कायम करते हुए लोग खड़े होते हैं और खरीदने वालों से पैसा रखने के बाद पर्चा काटा जाता है. इसके बाद इनको महाप्रसाद दिया जा रहा है.