ओडिशा में मछली की नई प्रजाति मिली है। यहां की महानदी में शोधकर्ताओं ने इस मछली को पाया है। पश्चिम ओडिशा में इसकी खूब बिक्री हो रही है और दाम भी अच्छे-खासे मिल रहे हैं। बताया जाता है कि वैज्ञानिकों के एक समूह ने इसे बाजार में बिकते हुए पाया है। ताजा पानी की खाने योग्य यह मछली वास्तव में एक अपंजीकृत प्रजाति की है।
-
ओडिशा की महानदी है इनका बसेरा
-
पश्चिमी ओडिशा के बाजारों में हो रही है खूब बिक्री
-
600 रुपये प्रति किलो लग रहा है दाम
ब्रह्मपुर। ओडिशा में मछली की नई प्रजाति मिली है। यहां की महानदी में शोधकर्ताओं ने इस मछली को पाया है। पश्चिम ओडिशा में इसकी खूब बिक्री हो रही है और दाम भी अच्छे-खासे मिल रहे हैं। बताया जाता है कि वैज्ञानिकों के एक समूह ने इसे बाजार में बिकते हुए पाया है। ताजा पानी की खाने योग्य यह मछली वास्तव में एक अपंजीकृत प्रजाति की है।
ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान विभाग और गोपालपुर की भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) द्वारा शुरू की गई एक परियोजना के प्रमुख अन्वेषक प्रोफेसर जय किशोर सेठ ने कहा कि नई प्रजाति का नाम ‘अवौस मोटला’ रखा गया है।
इस खबर को भी पढ़ें:- मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा के लिए 14 घंटे तक पढ़े और 6 घंटे तक सोएं
ओडिशा सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वित्त सहयोग से चलाई गई अनुसंधान परियोजना के दौरान यह खोज की गई। सेठ ने कहा कि हमने जेडएसआई के एस्टुरीन (ज्वारनदीमुख) बायोलॉजी रीजनल सेंटर के अनिल महापात्र और ऑस्ट्रेलिया के एक वैज्ञानिक के साथ मिलकर नमूनों का व्यापक अध्ययन किया। हमने पता लगाया है कि यह प्रजाति नई थी और विभिन्न पहलुओं में प्रजाति की अन्य मछलियों से अलग थी।
‘अवौस मोटला’ नाम रखा गया मछली का
सोनपुर क्षेत्र के मछुआरों ने मछली का नाम ‘मोटला’ रखा है। उन्होंने कहा कि यह प्रजाति ‘अवौस’ प्रजाति से संबंधित है इसलिए इसका नाम ‘अवौस मोटला’ रखा गया है। वैज्ञानिक ने बताया कि मछली को ताजा और सूखा दोनों तरह से खाया जा सकता है। स्थानीय मछुआरे ताजी मछली को 600 रुपये प्रति किलो और सूखने पर 800 रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैं। नई प्रजाति का विवरण 28 अक्टूबर को जर्नल ऑफ फिश बायोलॉजी के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित किया गया।