नई दिल्ली- विदेशी बैंको में जमा कालेधन के खिलाफ सख्त अभियान भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से है। कर चोरी के खिलाफ मुहिम में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति उली मौरर के बीच हुए करार के बाद से दोनों पक्षों कर चोरी से जुड़े मामलों में तेजी से सूचनाएं साझा करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इस सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडे और स्विट्जरलैंड की अंतर्राष्ट्रीय वित्त सचिव सुश्री डेनिला स्टॉफेल ने आज नयी दिल्ली में बैठक की। सचिव स्तर की इस बैठक में कर मामलों में प्रशासनिक मदद तथा विशेष रूप से एचएसबीसी के मामले में स्विट्जरलैंड द्वारा किए गए प्रयासों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। सितंबर 2019 में दोनों देशों के बीच स्वचालित आधार पर वित्तीय खाते की जानकारी साझा करने का स्वागत करते हुए, सचिवों ने कर चोरी के लिए दूसरे देशों को माध्यम बनाए जाने की समस्या से निबटने के लिए वैश्विक कर पारदर्शिता के लिए अपने देशों की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि गोपनीय बैंक खातों की जानकारी का यह स्वचालित विनिमय वित्तीय पारदर्शिता के एक नए युग की शुरुआत करेगा क्योंकि भारतीय कर प्रशासन अब स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए सभी बैंक खातों का ब्यौरा जान जाएगा। सचिवों ने दोनों देशों के सक्षम अधिकारियों को विनिमय डेटा की गुणवत्ता को लगातार बढ़ाने के उद्देश्य से अनुभवों को और सहयोग करने और साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
राजस्व सचिव और स्विट्जरलैंड की वित्त सचिव ने अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के तौर-तरीकों पर भी बात की और इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग पर सहमति जताई। दोनों सचिवों ने भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए कर समझौतों की दिशा में सहयोग बढ़ाने के लिए सक्षम अधिकारियों के स्तर पर लगातार वार्ताएं जारी रखने प्रतिद्धता भी दोहराई। बैठक के बाद दोनों सचिवों की ओर से एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर भी किए गए।