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अप्रैल-सितम्बर, 2019 में औद्योगिक विकास दर 1.3 फीसदी आंकी गई

  • सितम्बर 2019 के लिए औद्योगिक विकास दर के आंकड़े जारी

  • विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों में से 6 समूहों ने सितम्बर, 2019 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की

  • अप्रैल-सितम्बर, 2019 में खनन, विनिर्माण एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर क्रमश: 1.0 फीसदी, 1.0 फीसदी तथा 3.8 फीसदी रही

नई दिल्ली – सितम्बर, 2019 में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 123.3 अंक रहा, जो  सितम्बर, 2018 के मुकाबले 4.3 फीसदी कम है। इसका मतलब यही है कि सितम्बर, 2019 में औद्योगिक विकास दर 4.3 फीसदी ऋणात्‍मक रही। उधर, अप्रैल-सितम्बर, 2019 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.3 फीसदी आंकी गई है। सितम्बर, 2019 में खनन, विनिर्माण (मैन्‍युफैक्‍चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर, 2018 के मुकाबले क्रमश: (-) 8.5 फीसदी, (-) 3.9 फीसदी तथा (-) 2.6 फीसदी रही। उधर, अप्रैल-सितम्बर, 2019 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्‍टरों की उत्‍पादन वृद्धि दर पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 1.0, 1.0 तथा 3.8 फीसदी आंकी गई है। उद्योगों की दृष्टि से विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों (दो अंकों वाली एनआईसी-2008 के अनुसार) में से 6 समूहों ने  सितम्बर, 2018 की तुलना में  सितम्बर, 2019 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इस दौरान ‘फर्नीचर को छोड़कर लकड़ी एवं लकड़ी उत्‍पादों व कार्क के विनिर्माण’ 15.5 प्रतिशत की सर्वाधिक धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद ‘बुनियादी धातुओं के विनिर्माण’ का नम्बर आता है जिसने 9.2 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। वहीं, दूसरी ओर उद्योग समूह ‘मोटर वाहनों, ट्रेलरों एवं सेमी-ट्रेलरों के विनिर्माण’ ने (-) 24.8 प्रतिशत की सर्वाधिक ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद के ‘फर्नीचर के विनिर्माण’ का नंबर आता है जिसने (-) 23.6 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह ‘मशीनरी और उपकरणों को छोड़ गढ़े हुए धातु उत्पादों के विनिर्माण’ ने (-) 22.0 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार सितम्बर, 2019 में प्राथमिक वस्‍तुओं (प्राइमरी गुड्स), पूंजीगत सामान, मध्‍यवर्ती वस्तुओं एवं बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्‍तुओं की उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर 2018 की तुलना में क्रमश: (-) 5.1 फीसदी, (-) 20.7 फीसदी, 7.0 फीसदी और (-) 6.4 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान का सवाल है, इनकी उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर, 2019 में (-) 9.9 फीसदी रही है। इसी तरह गैर-टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान की उत्‍पादन वृद्धि दर सितम्बर, 2019 में (-) 0.4 फीसदी रही।

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