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खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 की बदौलत नए पंख लगाकर उड़ान भरने को तैयार ‘दीव’

  •  केआईबीजी दीव की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अनोखे तटीय आकर्षण को करेगा उजागर : डॉ. अरुण टी

दीव। दीव का नाम शायद आपने बहुत कम सुना होगा, लेकिन अब यह सब बदलने जा रहा है और इसका श्रेय जाता है खेलो इंडिया बीच गेम्स (केआईबीजी) 2025 को। यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत सरकार द्वारा आयोजित इन खेलों ने दीव को दोबारा राष्ट्रीय चेतना में ला दिया है और भारत के सबसे सुंदर समुद्र तटीय शहरों में से एक दीव अब इन खेलों की बदौलत नए पंख लगाकर उड़ान भरने को तैयार है।

हालांकि इसकी पहली नींव पिछले साल स्थानीय प्रशासन ने रखी थी, जब उसने भारत में पहली बार किसी समुद्र तट पर मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट का आयोजन किया था। यह आयोजन उसी घोघला बीच पर हुआ था, जो खेलों इंडिया बीच गेम्स की मेजबानी कर रहा है। इस केंद्रशासित प्रदेश में एक लंबा समुद्री किनारा है और नागोआ और घोघला जैसे शानदार समुद्र तट हैं।

दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के सचिव (खेल एवं युवा मामले विभाग) डॉ. अरुण टी ने एक बयान में कहा, “पर्यटन के दृष्टिकोण से, केआईबीजी दीव की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अनोखे तटीय आकर्षण को उजागर करेगा। इससे राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित होगा। देशभर से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और हमारा संघ प्रदेश एक पसंदीदा तटीय और खेल पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा।”

डॉ. अरुण टी ने कहा, “खेलों के संदर्भ में ये खेल स्थानीय युवाओं के मध्य बीच और जल क्रीड़ाओं की लोकप्रियता बढ़ाएंगे, जमीनी स्तर पर भागीदारी को प्रोत्साहन देंगे और स्वास्थ्य व उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देंगे। इस आयोजन के लिए विकसित की गई अवसंरचना दीर्घकालिक विरासत छोड़ जाएगी, जिससे भविष्य में और भी ऐसे आयोजनों की मेजबानी संभव होगी और सालभर प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे।”

पर्यटन की बढ़ती संभावना को लेकर डॉ. अरुण ने कहा कि हम सभी हितधारकों के साथ मिलकर इन खेलों की सफल मेजबानी सुनिश्चित करने और इस पहल के माध्यम से हमारे खिलाड़ियों, नागरिकों और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक लाभ पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पेंचक सिलाट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर चुके प्रसन्ना बेंद्रे केआईबीजी 2025 के खिलाड़ियों में शामिल हैं। वह दीव के निवासी हैं। वह दीव में इन खेलों के आयोजन को पर्यटन और अर्थव्यवस्था के लिए बेहद फायदेमंद मानते हैं। प्रसन्ना कहते हैं कि ये हमारे लिए अच्छा होगा। अगर हमारी अर्थव्यवस्था बेहतर होगी, तो सभी खेलों और खेल अवसंरचना को फायदा मिलेगा।

इस साल के खेलो इंडिया बीच गेम्स में कुल छह मेडल गेम और दो डेमो गेम शामिल किए गए। मेडल गेम्स में सेपक टकरॉ, ओपन वॉटर स्विमिंग, बीच वालीबॉल, बीच कबड्डी, पेंचक सिलाट और बीच साकर शामिल हैं जबकि मलखंब और रस्साकशी को डेमो गेम के तौर पर शामिल किया गया है। इस साल भारत के 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 1300 से अधिक एथलीट 19 से 24 मई के बीच इन खेलों में भाग लेने के लिए दीव पहुंचे हैं।

खेलो इंडिया बीच गेम्स के बारे में
खेलो इंडिया बैनर के तहत आयोजित यह पहला बीच गेम्स है। खेलो इंडिया योजना के खेल प्रतियोगिता और प्रतिभा विकास के तहत 19 से 24 मई, 2025 तक दीव, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में खेल आयोजित किए जा रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य बीच गेम्स को बढ़ावा देना और बीच गेम्स की पहुंच और लोकप्रियता को बढ़ाना है। इस संस्करण में छह पदक वाले खेल बीच सॉकर, बीच वॉलीबॉल, बीच सेपक टकरा, बीच कबड्डी, पेनकैक सिलाट और ओपन वॉटर स्विमिंग शामिल हैं। दो (गैर-पदक) डेमो गेम- मल्लखंब और रस्साकशी को भी दीव खेलो इंडिया बीच गेम्स में शामिल किया गया है।
साभार – हिस

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