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मुंबई के निखिल पाटिल ने जीता 2025 का भारतीय खेल फोटोग्राफी पुरस्कार

बेंगलुरु। मुंबई के जाने-माने फोटोग्राफर निखिल पाटिल ने भारतीय खेल फोटोग्राफी पुरस्कार (आईएसपीए) 2025 जीतकर देश में खेल फोटोग्राफी के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के 100वें अंतरराष्ट्रीय मैच के ऐतिहासिक क्षण को शानदार तरीके से कैद करने के लिए प्रदान किया गया।

बेंगलुरु इंटरनेशनल सेंटर में हुआ भव्य आयोजन

आईएसपीए 2025 का आयोजन बेंगलुरु इंटरनेशनल सेंटर में हुआ, जहां देश के बेहतरीन खेल फोटोग्राफरों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर महिला खेल श्रेणी में नेहा गनेरीवाल और क्रिकेट श्रेणी में संदीप परशुराम पंगेरकर को क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान मिला।

गगन नारंग की अध्यक्षता में हुआ निर्णायक मंडल का गठन

इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रविष्टियों का मूल्यांकन ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग की अध्यक्षता में किया गया। हालांकि वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन प्रसिद्ध खेल पत्रकार शारदा उग्रा ने उनकी ओर से विजेताओं की घोषणा की।

गगन नारंग ने दी विजेताओं को बधाई

गगन नारंग ने वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा, “खेल फोटोग्राफी सिर्फ़ एक्शन को कैप्चर करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन पलों को संजोने का जरिया है जो एक कहानी कहते हैं, पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं और खेल भावना का जश्न मनाते हैं। इस साल के विजेताओं ने अपनी तस्वीरों के माध्यम से यही दिखाया है – हर फ्रेम एक गहरी कहानी बयां करता है।”

उन्होंने विजेता छवियों पर चर्चा करते हुए कहा, “सुनील छेत्री द्वारा भीड़ को धन्यवाद देने का पल समर्पण और जुनून को दर्शाता है। क्रिकेट की तस्वीर में सभी विषयों को हवा में दिखाया गया है, जो खेल की गति और ऊर्जा को खूबसूरती से उकेरती है। साइमन बाइल्स की तस्वीर कठिन पलों को कैद करते हुए हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि एक खिलाड़ी अपने करियर में कितनी मेहनत और संघर्ष करता है।”

आईएसपीए खेल फोटोग्राफी के लिए नई परंपरा की शुरुआत

आईएसपीए 2025 के पीछे प्रमुख प्रेरणास्रोत पॉज़िटिव स्पोर्ट्स वाइब कम्युनिटी के संस्थापक पॉल आर ने कहा, “इस पुरस्कार का उद्देश्य उन फोटोग्राफरों को सम्मानित करना है जो अपने लेंस के माध्यम से खेल को जीवंत बनाते हैं। इस उद्घाटन संस्करण ने भारत में खेल फोटोग्राफी की शक्ति को पहचानने के लिए एक नई परंपरा की नींव रखी है। हमने जो प्रतिभा देखी है, वह एक अविश्वसनीय शुरुआत है।”
आईएसपीए 2025 की सफलता भारतीय खेल फोटोग्राफी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है। यह आयोजन अब देश के बेहतरीन दृश्य कथाकारों के लिए एक वार्षिक उत्सव के रूप में स्थापित होने की ओर बढ़ रहा है।
साभार – हिस

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