नई दिल्ली। हाल ही में डायमंड लीग पेरिस में 3000 मीटर स्टीपलचेज में आठ मिनट और 9.91 सेकंड का शानदार समय लेकर दसवीं बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने वाले अविनाश साबले ने पेरिस में ओलंपिक पदक जीतने पर अपनी नज़रें टिकाई हुई हैं। साबले अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और पदक के साथ घर लौटने के अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। साबले ने जियो सिनेमा के ‘द ड्रीमर्स’ में बताया, “मैं पहले सोचता था कि ओलंपिक पदक विजेताओं का प्रशिक्षण के प्रति एक अनूठा और कठिन दृष्टिकोण होता है, लेकिन पिछले दो वर्षों के मेरे अनुभवों ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया है। मैं सिर्फ़ भाग लेना नहीं चाहता; मुझे विश्वास है कि मैं पदक जीत सकता हूँ। मैं उस लक्ष्य पर नज़र रखते हुए कड़ी मेहनत कर रहा हूँ। अगर सब कुछ ठीक रहा और मैंने पदक जीता, तो यह हमारे देश को समर्पित होगा।” अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए, 2022 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने अपनी प्रेरणा का श्रेय दिग्गज भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह, श्रीराम सिंह और पीटी उषा को दिया। उन्होंने कहा, “विश्व स्तर पर उनके प्रदर्शन ने मुझे बहुत प्रेरित किया है। अगर मेरे रोल मॉडल विश्व स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं, तो मैं भी कर सकता हूँ। मुझे दूसरों के बजाय अपनी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करना सिखाया गया है। मेरी प्रतिस्पर्धा मेरी टाइमिंग से है।” खेलों की दुनिया में साबले का प्रवेश भारतीय सेना में उनकी सेवा के साथ शुरू हुआ, जहाँ उन्होंने अपने कोच अमरीश कुमार के मार्गदर्शन में स्टीपलचेज़ में जाने से पहले एक क्रॉस-कंट्री धावक के रूप में प्रतिस्पर्धा की।
साभार – हिस
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