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राष्ट्रीय खेलों में पहली बार शामिल किए गए पेंचक सिलेट और स्काय अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार

पणजी, गोवा में जारी 37वें राष्ट्रीय खेलों में कई नए खेलों को जोड़ा गया है, जिनमें मार्शल आर्ट की दो प्रतिस्पर्धाएं- पेंचक सिलेट और स्काय भी शामिल हैं। देश के प्रमुख खेल महाकुंभ के 37वें संस्करण में 43 खेल खेले जाएंगे। गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में केवल 36 खेल थे। खेलों के गोवा संस्करण में दो डेमो गेम सहित कुल 43 खेल है।

खेलों में पेंचक सिलेट और स्क्वे के मार्शल आर्ट को शामिल करना जम्मू-कश्मीर की मार्शल आर्ट बिरादरी और समग्र खेल जगत के लिए बड़ी खबर है। जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रीय खेलों में बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होने के बाद स्के और पेंचक सिलेट अहम खेलों में से एक हैं। इन दो स्पर्धाओं के शामिल होने से राष्ट्रीय खेलों में जम्मू-कश्मीर की पदक तालिका में इजाफा हो सकता है।

स्काय खेल

स्काय को कश्मीरी पारंपरिक मार्शल आर्ट के रूप में जाना जाता है और यह कश्मीर में स्थित है। कश्मीर में इसके राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों संघ हैं और मीर नज़ीर को इसके संस्थापक के रूप में जाना जाता है।

स्काय कश्मीर की प्राचीन पारंपरिक मार्शल आर्ट है। सेल्फ डिफेंस और भोजन के लिए जानवरों का शिकार करने के लिए आदिमानव के समय से ही इसका अभ्यास किया जाता रहा है। ऐसा कहा जाता है कि बहुत पहले दिया देव नामक एक राजा ने ऐसी सेना की स्थापना के सख्त निर्देश दिए थे जो विशेष रूप से स्क्वे में कुशल थे। पेंचक सिलेट इंडोनेशियाई मार्शल आर्ट है और जम्मू-कश्मीर में बेहद लोकप्रिय है।

मार्शल आर्ट गोवा स्काय संघ के अध्यक्ष सिद्देश श्रीपद नाइक ने इन खेलों के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए कहा, ”ये हम सबके लिए बेहद गर्व कि बात है कि स्काय को पहली बार राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया गया है। हमारे पास एक अच्छी टीम है। हमारे फेडरेशन के अंदर करीब 23 राज्यों के खिलाड़ी शामिल हैं वे सभी इसमें भाग ले रहे हैं। देश के हर राज्य में हमारी एसोसिएशन बहुत अच्छी तरह से मेहनत कर रही है। इंटरनेशनल लेवल पर करीब 63 देशों में इस खेल को खेला जाता है।”

37वें राष्ट्रीय खेलों में गोवा के पदक जीतने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा, ” ये गेम गोवा में भी पिछले 20 साल से खेला जा रहा है। हमारे प्लेयर्य और कोच वे भी काफी समय से इससे जुड़े हुए हैं।”

पेंचक सिलेट खेल

पेंचक सिलेट एक लड़ाकू, गैर-आक्रामक मार्शल खेल है जो सामूहिक रूप से इंडोनेशिया से उत्पन्न विभिन्न शैलियों की मार्शल आर्ट को शामिल करता है। लड़ाई के इस रूप में हमला करना, हाथापाई की तकनीक और फेंकना शामिल है।

पेंचक सिलेट में पूरे शरीर की लड़ाई शामिल है, जहां शरीर के किसी भी हिस्से का इस्तेमाल किया जा सकता है और शरीर के किसी भी हिस्से पर हमला किया जा सकता है। लड़ाई का यह रूप सेल्फ डिफेंस के साधन के रूप में इंडोनेशिया में उत्पन्न हुआ और एक प्रतिस्पर्धी खेल में बदल गया। यह खेल अब देश के कई हिस्सों में खेला जा रहा है।

पेंचक सिलेट के टूर्नामेंट निदेशक मोहम्मद इकबाल ने इन खेलों के बारे में बात करते हुए कहा, ” इसमें खेलने वाले खिलाड़ियों को यह एक अच्छा मंच है। हम सबका एक सपना था कि यह नेशनल गेम में शामिल हो। अब इसमें खेलने वाले बच्चों के माता-पिता भी बहुत खुश है।”

उन्होंने कहा, ” 27 राज्यों ने इन खेलों के लिए क्वालीफाई किया है। इतने बड़े मंच पर खेलना ही खिलाड़ियों के लिए सौभाग्य की बात है और सभी टीमें इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही है। जो अच्छा खेलेगा, वह पदक जीतेगा।”
साभार -हिस

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